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कुछ ऐसी है व्यापारियों की चिंता
मंत्रालय के अनुसार कई करदाताओं ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि सालाना रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-9 करदाताओं को 2017-18 में आयात पर भुगतान किए गए आईजीएसटी के ब्योरे को रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं देता, लेकिन उसके लिए क्रेडिट 2018-19 में लिया गया। जिसकी वजह से आशंका है कि जो क्रेडिट अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच लिए गए, लेकिन उसे सालाना रिटर्न में नहीं दिखाया गया, तो वह खत्म हो सकता है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच आयातित वस्तुओं पर लिया अपना पूरा क्रेडिट फॉर्म जीएसटीआर-9 की सारणी 6 (ई) में भरें।
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वित्त मंत्रालय की ओर से किया गया स्पष्ट
इस बारे में वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। स्पष्टीकरण में साफ कहा गया है कि कई करदाताओं ने अपने बही खातों या रिटर्न में अपने आप निकलने वाले आंकड़े और वास्तविक आंकड़ों में मिलान ना होने की बात बात कही है। मंत्रालय के अनुसार अपने आप आने वाले आंकड़े आंकड़े टैक्स पेयर्स की सुविधा के लिए उपलब्ध होते हैं। करदाता वित्त वर्ष के दौरान भरे गए अपने रिटर्न या अपने बही खातों के अनुसार ही डाटा उपलब्ध कराएं।
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30 जून भरना है जीएसटीआर-9