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1 फरवरी को आएगा मोदी सरकार का अंतिम बजट, आपको मिल सकती है ये सौगात

1 फरवरी को वित्त वर्ष 2019—20 के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा अंतिम बजट पेश किया जाएगा। पत्रिका आपको कुछ ऐसी बातें बताएगा जो आपको बजट समझने में मदद करेगी।

Jan 06, 2019 / 11:09 am

Dimple Alawadhi

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1 फरवरी को आएगा मोदी सरकार का अंतिम बजट, आपको मिल सकती है ये सौगात

नई दिल्ली। 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2019—20 के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा अंतिम बजट पेश किया जाएगा। हर बजट की तरह ये बजट भी आपकी जिंदगी पर प्रभाव डालेगा। ऐसे में बजट ये जुड़ी कुछ बातें आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। पत्रिका आपको कुछ ऐसी बातें बताएगा जो आपको बजट समझने में मदद करेगी।


रेवेन्यु बजट

रेवेन्यु बजट में सरकार के पास आए टैक्स और नॉन—टैक्स रेवेन्यु और खर्च का ब्यौरा होता है। सरकार को टैक्स रेवेन्यु इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, एक्साइज, कस्टमस, सर्विस और अन्य तरह के टैक्स और ड्यूटी से मिलता है। वहीं अगर नॉन—टैक्स रेवेन्यु की बात करें तो इसमें सरकार द्वारा दिए गए लोन पर हासिल होने वाला इंट्रेस्ट और इन्वेस्टमेंट पर डिविडेंड शामिल होता है।


फाइनेंस बिल

किसी भी सरकार द्वारा यूनियन बजट पेश करने के बाद फाइनेंस बिल पेश किया जाता है। फाइनेंस बिल में बजट में प्रस्तावित टैक्सेज को लगाए जाने, उनमें बदलाव किए जाने, खत्म किए गए टैक्स और उनसे जुड़े नियमों का ब्यौरा होता है


कट मोशन

कट मोशन केवल लोकसभा मेंबर्स के पास होती है। ये एक प्रकार की वीटो पावर है, जिसके जरिए लोकसभा के मेंबर्स सरकार द्वारा पेश किए गए फाइनेंशियल बिल में की गई मांगों में कटौती करवा सकते हैं।


कंसोलिडेटेड फंड आॅफ इंडिया

कंसोलिडेटेड फंड आॅफ इंडिया में केन्द्र सरकार द्वारा जुटाया गया कुल रेवेन्यु, कर्ज पर ली गई धनराशि और सरकार द्वारा दिए गए लोन से आई राशि शामिल होती। इसी अकाउंट के जरिए सरकार के सभी खर्च पूरे होते हैं। हालांकि इसमें कंटीन्जेंसी फंड और पब्लिक अकाउंट से पूरे किए गए कुछ असाधारण खर्च शामिल नहीं होते।


सालाना फाइनेंशियल स्टेटमेंट

बजट का सबसे अहम डॉक्युमेंट होता है सालाना फाइनेंशियल स्टेटमेंट, जो सरकार के एक वित्त वर्ष का रेवेन्यु और खर्च का एक अनुमानित स्टेटमेंट होता है। कंसोलिडेटेड फंड, कंटीन्जेंसी फंड और पब्लिक अकाउंट के लिए सरकार को सरकार को रेवेन्यु और खर्च का अलग-अलग स्टेटमेंट देना होता है।


रेवेन्यु डेफिसिट

रेवेन्यु डेफिसिट को आसान भाषा में समझा जाए, तो जब सरकार को हासिल हुआ रेवेन्यु कम होता है और खर्च ज्यादा होता है, तो उसे रेवेन्यु डेफिसिट या राजस्व घाटा कहते हैं।


पब्लिक अकाउंट

पब्लिक अकाउंट का सीधा संबंध उन सभी फंड्स से है, जिनके लिए सरकार एक बैंकर के तौर पर काम करती है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 266(1) के प्रावधानों के तहत पब्लिक अकाउंट को गठित किया जाता है। प्रोविडेंट फंड और स्मॉल सेविंग्स पब्लिक अकाउंट का ही हिस्सा होते हैं। हालांकि सरकार का इस पैसे पर कोई अधिकार नहीं होता है क्योंकि यह डिपॉजिटर्स को वापस कर दी जाती है।

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