करीब छह बजे की है घटना
शाम करीब छह बजे विवेक सिंह पुत्र ललित सिंह निवासी गढ़ी फौजी आंवलखेड़ा बरहन आगरा अपने भाई संजय, विवेक, अखिल बहन रिंकी, मोनिका, पल्लवी, तान्या के साथ ईको कार संख्या यूपी 80 बीक्यू 9518 द्वारा उसायनी स्थित मां वैष्णों देवी मंदिर दर्शनों के लिए गया था। तभी आधा दर्जन लोग वहां आ गए और कार पर 80 हजार का फाइनेंस होने की बात कहते हुए पांच हमार रुपए की मांग करने लगे। उसने बताया कि यह गाड़ी उसके दोस्त नरेन्द्र यादव पुत्र शिवाजी यादव निवासी नगला धोंकल खांडा बरहन की है।
शाम करीब छह बजे विवेक सिंह पुत्र ललित सिंह निवासी गढ़ी फौजी आंवलखेड़ा बरहन आगरा अपने भाई संजय, विवेक, अखिल बहन रिंकी, मोनिका, पल्लवी, तान्या के साथ ईको कार संख्या यूपी 80 बीक्यू 9518 द्वारा उसायनी स्थित मां वैष्णों देवी मंदिर दर्शनों के लिए गया था। तभी आधा दर्जन लोग वहां आ गए और कार पर 80 हजार का फाइनेंस होने की बात कहते हुए पांच हमार रुपए की मांग करने लगे। उसने बताया कि यह गाड़ी उसके दोस्त नरेन्द्र यादव पुत्र शिवाजी यादव निवासी नगला धोंकल खांडा बरहन की है।
दौड़ा—दौड़ा कर पीटे
नरेन्द्र से बात होने पर वह भी मौके पर पहुंच गया। उसने फाइनेंस का पैसा जमा होने की बात कही। इस पर आरोपित पांच हजार रुपए मांगने लगे। रुपए न देने पर उनके साथ मारपीट कर दी विवेक के कपड़े फाड़ दिए। युवतियों और महिलाओं के साथ अभद्रता कर दी। गाड़ को राजा का ताल पुलिस चैकी पर खड़ा करवा दिया।
नरेन्द्र से बात होने पर वह भी मौके पर पहुंच गया। उसने फाइनेंस का पैसा जमा होने की बात कही। इस पर आरोपित पांच हजार रुपए मांगने लगे। रुपए न देने पर उनके साथ मारपीट कर दी विवेक के कपड़े फाड़ दिए। युवतियों और महिलाओं के साथ अभद्रता कर दी। गाड़ को राजा का ताल पुलिस चैकी पर खड़ा करवा दिया।
सिपाही ने लात मारकर गिरा दिया कुर्सी से
नरेन्द्र ने थाने में दी तहरीर में लिखा है कि चौकी पर तैनात सिपाही थान सिंह ने पांच हजार न देने पर गालियां दीं और लात मारकर कुर्सी से गिरा दिया। जब वह चैकी से जाने लगा तो डंडा लेकर उसका पीछा किया। उसने खेत में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इस मामले में चौकी प्रभारी प्रदीप चतुर्वेदी का कहना है कि सिपाही रात को चला गया था। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी। यदि सिपाही पर लगे आरोप सही पाए गए तो उसके विरूद्ध कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।
नरेन्द्र ने थाने में दी तहरीर में लिखा है कि चौकी पर तैनात सिपाही थान सिंह ने पांच हजार न देने पर गालियां दीं और लात मारकर कुर्सी से गिरा दिया। जब वह चैकी से जाने लगा तो डंडा लेकर उसका पीछा किया। उसने खेत में छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इस मामले में चौकी प्रभारी प्रदीप चतुर्वेदी का कहना है कि सिपाही रात को चला गया था। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी। यदि सिपाही पर लगे आरोप सही पाए गए तो उसके विरूद्ध कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।