फिरोजाबाद ब्लाक की ग्राम पंचायत अलीनगर कैंजरा का गांव राजा का ताल। वर्ष 1707 में आबादी से दूर सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल राजा टोडरमल ने एक तालाब खुदवाया था। इस तालाब में राजा की सेना में शामिल हाथी, घोड़े पानी पीने के लिए आया करते थे। इस तालाब को सुंदर रूप राजा द्वारा दिया गया था। तालाब में किसी प्रकार की गंदगी न हो इसलिए इसके चारों ओर चूने की दीवाल खड़ी कराई गई थीं।
अधिकारियों की अनदेखी के चलते आज यह तालाब दल—दल बन गया है। इस पर आस—पास के लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। चूने की दीवाल आज भी उस समय तालाब के अस्तित्व की गवाही देती हैं लेकिन शायद अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं। आज इस तालाब का प्रयोग केवल कूड़ा, कचरा डालने में ही होता है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी तालाब को उसके अस्तित्व में नहीं लाया जा सका है।
यमुना की खादरों में बसी माता सीयर देवी मंदिर के आस—पास राजा गजराजा राज्य करता था। उसने मंदिर के समीप से लेकर इस तालाब तक गुफा बनवाई थी। राजा की सेना के हाथी, घोड़े गुफा के जरिए इस तालाब पर पानी पीने आया करते थे। गुफा के अवशेष आज भी यहां जीवित हैं। इस ‘ताल’ के नाम पर ही ग्राम पंचायत अलीनगर कैंजरा के गांव का नाम राजा का ताल रखा गया है।
इस राजा का ताल का गौरवशाली इतिहास रहा है। बावजूद इसके अस्तित्व को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इस तालाब की सूरत बदलने के लिए ग्रामीणों ने कई बार प्रयास किए लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते उनके प्रयास सार्थक नहीं हो सके। आज इस तालाब की दुर्दशा देखकर आपकी आंखों से भी आंसू निकल आएंगे।