औद्योनिक विकास योजना के तहत मिलेगा लाभ
शासन ने जिले में औद्योनिक विकास योजना के तहत फलों की खेतीबाडी का लक्ष्य निर्धारित किया है। उपरोक्त फलों की बाग लगाने पर जिले के उद्यान विभाग द्वारा शासन से अनुमन्य सब्सिडी दी जाएगी। जिला उद्यान अधिकारी विनय यादव ने बताया कि औद्योनिक विकास योजनान्तर्गत जिले में फलों की खेतीबाडी करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। शासन ने जिले में कुल अमरूद, किन्नू, केला एवं पपीता का बाग लगाने पर क्रमशः अमरूद् पर प्रति हैक्टेयर 19170 रूपए, किन्नू पर प्रति हैक्टेयर 2044 रूपए, केला पर 4098 एवं पपीता का बाग लगाने पर 23112 रूपए प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।
शासन ने जिले में औद्योनिक विकास योजना के तहत फलों की खेतीबाडी का लक्ष्य निर्धारित किया है। उपरोक्त फलों की बाग लगाने पर जिले के उद्यान विभाग द्वारा शासन से अनुमन्य सब्सिडी दी जाएगी। जिला उद्यान अधिकारी विनय यादव ने बताया कि औद्योनिक विकास योजनान्तर्गत जिले में फलों की खेतीबाडी करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। शासन ने जिले में कुल अमरूद, किन्नू, केला एवं पपीता का बाग लगाने पर क्रमशः अमरूद् पर प्रति हैक्टेयर 19170 रूपए, किन्नू पर प्रति हैक्टेयर 2044 रूपए, केला पर 4098 एवं पपीता का बाग लगाने पर 23112 रूपए प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।
पहली बार मिल रही सब्सिडी
जिला उद्यान के अनुसार जिले में पपीता का बाग लगाने पर पहली बार सब्सिडी दिए जाने के निर्देश शासन स्तर से प्राप्त हुए है। इच्छुक किसान विभागीय साइड पर आॅनलाइन आवेदन कर उक्त योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन हेतु किसान के पास आधार कार्ड, खतौनी, पासबुक की छाया प्रति एवं दो फोटो के साथ जन सुविधा केंद्र पर पंजीकरण करा सकते हैं। किसानों का सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से जारी की जाएगी। इसका उद्देश्य हरियाली को बढ़ावा देना और समाप्त होते बागों को बचाना है।
जिला उद्यान के अनुसार जिले में पपीता का बाग लगाने पर पहली बार सब्सिडी दिए जाने के निर्देश शासन स्तर से प्राप्त हुए है। इच्छुक किसान विभागीय साइड पर आॅनलाइन आवेदन कर उक्त योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन हेतु किसान के पास आधार कार्ड, खतौनी, पासबुक की छाया प्रति एवं दो फोटो के साथ जन सुविधा केंद्र पर पंजीकरण करा सकते हैं। किसानों का सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से जारी की जाएगी। इसका उद्देश्य हरियाली को बढ़ावा देना और समाप्त होते बागों को बचाना है।