मुख्य अतिथि शिव प्रसाद मेमोरियल काॅलेज की अध्यापिका शोभा ने मातृ दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि शिव शक्ति सबसे बड़ी शक्ति हैं। शिव हमारी मां हैं जिनके द्वारा सभी को सुख शांति की पालना मिलती है। जिस कार्य को मां कर सकती है उस कार्य को कोई नहीं कर सकता। मां जगत जननी है। स्वयं दुख सहनकर अपने बच्चों को सुख देने का काम करने वाली एक मात्र मां है। सेवा केन्द्र प्रभारी विजय बहन ने कहा कि ब्रह्मा हमारी सबसे बड़ी मां हैं। उन्होंने इस श्रृष्टि की रचना की है। उन्होंने ही इस श्रृष्टि को स्वर्ग बनाया है।
मदर्स डे हर साल मई मास के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस दिन मां की ममता जाग्रत होती है। तनु बहन ने काव्य पाठ करके मां की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने पढ़ा- बंद किस्मत के लिये कोई चाबी नही होती, सुखी के उम्मीदों की कोई डाली नही होती। जो झुक जाए मां-बाप के चरणों में, उसकी झोली कभी खाली नही होती। करो दिल से सजदा तो इबादत बनेगी, मां-बाप की सेवा अमानत बनेगी, खुलेगा जब तुम्हारे गुनाहों का खाता, तो मां-बाप की सेवा जमानत बनेगी। हजारों गम हों फिर भी मैं ख़ुशी से फूल जाता हूं, जब हस्ती है मेरी मां मैं हर गम भूल जाता हूं।
स्याही खत्म हो गयी “माँ“ लिखते-लिखते, उसके प्यार की दास्तां इतनी लंबी थी। न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अनजान सा लगता है, तेरे जाने के बाद ये घर-घर नहीं खाली मकान सा लगता है। इस मौके पर ममता बहन, चित्रा बहन, निधि बहन, दीपू बहन, रेनू बहन, जनक माता शिवदेवी, माया देवी आदि मौजूद रहे।