पिछले दिन जिला जेल से पेशी के लिए थाना फरिहा के गांव पिलुआ जाट निवासी लालू उर्फ प्रदीप पुत्र रामगोपाल 2015 से ग्यारह मुकदमों में बन्द था। गुरूवार को पुलिसकर्मी सोवरन सिंह उसे अपने दो साथियों के साथ अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-8 प्रभू नारायण पांडे की न्यायालय में पेशी पर ले गया था। पेशी के बाद उसको वापस हवालात के लिए ला रहा था। उसी दौरान लालू पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। जेल प्रशासन ने बंदी के फरार होने की सूचना संबंधित अधिकारियों को दी। काफी खोजने के बाद जब बंदी का कहीं पता नहीं चला तो आज थाना मटसैना में तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया गया।
बदन पर खाकी पहने पुलिसकर्मियों ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि एक लापरवाही उनको इतनी भारी पड़ सकती है कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। जब काफी छानबीन के बाद भी बंदी का कुछ पता नहीं चला तो
एसएसपी डाॅ. मनोज कुमार ने तीनों कांस्टेबल सोबरन सिंह, भोगनलाल और होशियार सिंह को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भेज दिया।
एसएसपी डाॅ. मनोज कुमार ने बताया कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बंदियों को सही सलामत अदालत और वहां से जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी साथ जाने वाले पुलिसकर्मियों की होती है। ऐसी स्थिति में यदि कोई भी पुलिसकर्मी लापरवाही बरतता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी की इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हडकंप मचा हुआ है।