कुछ लोगों का मानना है कि वह पेनल्टी गलत थी। वहीं कुछ का कहना है कि रेफरी का निर्णय बिलकुल सही था। अब इसपर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान वायने रूनी ने अपनी टिप्पणी दी है। रूनी को लगता है कि वह पेनल्टी सही नहीं थी और रोनाल्डो ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए उसे पेनल्टी में बादल दिया। पेनल्टी ने पुर्तगाल को गतिरोध तोड़ने में मदद की और इस प्रक्रिया में स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी विश्व फुटबॉल के इतिहास में टूर्नामेंट के अपने प्रत्येक पांच सीजनों में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए।
रूनी ने स्पोर्ट्स18 और जियो सिनेमा के हवाले से वीजा मैच सेंटर शो में कहा, “मुझे लगता है कि क्रिस्टियानो ने फॉरवर्ड खिलाड़ी के रूप में अपने सभी अनुभव का इस्तेमाल किया और अच्छा खेला।” पुर्तगाल द्वारा 3-2 से जीते गए मैच में, रोनाल्डो ने फीफा विश्व कप में अपना आठवां गोल करने के लिए मौका बनाया और उसमें सफल हुए। लेकिन पेनल्टी देने के फैसले की सोशल मीडिया पर कुछ फुटबॉल प्रशंसकों ने आलोचना की है।
रोनाल्डो के पूर्व साथी लुइस फिगो भी आश्वस्त नहीं थे। “मेरे हिसाब से देखे तो मुझे पेनल्टी नहीं लग रही थी, लेकिन यह फैसला स्वागत योग्य था।” घाना के मोहम्मद सलीसु से भिड़ने के बाद रोनाल्डो जमीन पर गिर गए। इसके बाद रेफरी ने 62वें मिनट में वीएआर चेक के बिना पुर्तगाल को पेनल्टी दी। सोशल मीडिया पर कुछ फुटबॉल प्रशंसकों ने भी महसूस किया कि सलीसु ने धक्का दिया, जिसमें रेफरी का फैसला एक उचित निर्णय था।
रोनाल्डो की पेनल्टी के बाद आंद्रे आयू ने घाना को जल्द ही स्कोरलाइन बराबर करने में मदद की। लेकिन पुर्तगाल ने जोआओ फेलिक्स और राफेल लीओ के माध्यम से दो गोल कर 3-1 की बढ़त ले ली। घाना ने इसके बाद उस्मान बुखारी के माध्यम से एक और गोल किया, जो पुर्तगाल को 3-2 की जीत और तीन अंक लेने से रोकने के लिए यह पर्याप्त नहीं था। अब ग्रुप एच में शीर्ष पर काबिज पुर्तगाल का फीफा विश्व कप में अगला मैच उरुग्वे के खिलाफ 29 नवंबर को लुसैल स्टेडियम में होगा।