रिपोर्ट के अनुसार, 1986 का विश्व कप विजेता टीम के सदस्य माराडोना अपने घर पर ठीक हो रहे थे क्योंकि डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क में खून का थक्का हटा दिया था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, माराडोना की मौत देखभाल में कमियों और अनियमितताओं के कारण हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि माराडोना का मेडिकल, नर्सिंग और चिकित्सीय स्टाफ द्वारा सही तरीके से निगरानी नहीं किया गया।
बता दें कि डिएगो माराडोना का निधन पिछले साल नवंबर माह में हुआ था। माराडोना के निधन पर अर्जेंटीना की सरकार ने 3 दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डिएगो माराडोना के निधन पर शोक जताया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर माराडोना को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था कि डिएगो माराडोना फुटबॉल के एक जादूगर थे, जिन्होंने वैश्विक लोकप्रियता का आनंद लिया। अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने हमें फुटबॉल के मैदान पर कई बेहतरीन खेल के लम्हें दिए। उनके असामयिक निधन ने हम सभी को दुखी किया है। उनकी आत्मा को ईश्वर शांति दे।
मैराडोना को ‘फुटबॉल का भगवान’ भी कहा जाता है। माराडोना ने अपनी कप्तानी में 1986 में अर्जेंटीना को फीफा वर्ल्ड कप जिताने में अहम योगदान दिया था। मैराडोना के नाम वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा मैच में कप्तानी करने का रिकॉर्ड है। माराडोना ने वर्ल्ड कप में 16 मैच में कप्तानी की थी। उन्होंने 1982 से 1994 तक अर्जेंटीना के लिए 4 वर्ल्ड कप खेले थे। 1986 में उन्होंने गोल्डन बॉल अवॉर्ड जीता था। टूर्नामेंट में माराडोना को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था।