वॉल स्ट्रीट जर्नल का कहना है कि कुछ यूजर ‘व्हाइट लिस्ट’ में रखे गए हैं। उन्हें नियम मानने से छूट दी गई है। कुछ मामलों में विवादास्पद सामग्री की समीक्षा ही नहीं होती। फेसबुक पर क्या पोस्ट किया जाना चाहिए, इसको लेकर एक स्वतंत्र बोर्ड स्थापित किया गया है। फेसबुक ने उस बोर्ड को भरोसा दिला रखा है कि कंटेंट मॉडरेशन को लेकर दोहरी नीति नहीं अपनाई जाती। लेकिन अगर वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में किए गए दावे सच हैं तो फेसबुक का भरोसा गलत साबित होगा।
यह भी पढ़ें
किसान आंदोलन के चलते 9 हजार से ज्यादा उद्योग हुए बंद, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
बोर्ड के प्रवक्ता जॉन टेलर ने बताया कि फेसबुक के कन्टेंट मॉडरेशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर बोर्ड कई बार चिंता जता चुका है। खासकर मशहूर लोगों के खातों के बारे में कंपनी की नीति को लेकर। प्रसिद्ध खिलाड़ी ने पोस्ट की अश्लील तस्वीरें
रिपोर्ट में कुछ मशहूर लोगों की पोस्ट का हवाला भी है। फुटबॉलर नेमार की पोस्ट में एक महिला की अश्लील तस्वीरें थीं। फेसबुक ने बाद में यह पोस्ट हटा दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक ‘व्हाइट लिस्ट’ में रखे गए खातों से कई बार बेसिर-पैर की सूचनाएं साझा की गईं। जैसे हिलेरी क्लिंटन बाल यौन शोषण का गिरोह चलाती हैं या तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शरणार्थियों को जानवर कहा था।
रिपोर्ट में कुछ मशहूर लोगों की पोस्ट का हवाला भी है। फुटबॉलर नेमार की पोस्ट में एक महिला की अश्लील तस्वीरें थीं। फेसबुक ने बाद में यह पोस्ट हटा दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक ‘व्हाइट लिस्ट’ में रखे गए खातों से कई बार बेसिर-पैर की सूचनाएं साझा की गईं। जैसे हिलेरी क्लिंटन बाल यौन शोषण का गिरोह चलाती हैं या तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शरणार्थियों को जानवर कहा था।
यह भी पढ़ें
जापान एस्ट्राजेनेका टीके की 13 लाख अतिरिक्त डोज एशियाई देशों को भेजेगा
फेसबुक ने दी सफाईफेसबुक के प्रवक्ता ऐंडी स्टोन ने ट्विटर पर कार्यक्रम ‘क्रॉस चेक’ का बचाव किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि न्याय की दो व्यवस्थाएं नहीं हैं। यह गलतियों के खिलाफ सुरक्षा कवच बनाने की कोशिश है। हम जानते हैं कि हमारा यह अमल अचूक नहीं है। गति व शुद्धता में ऊंच-नीच होती रहती है।