90 के दशक में नीरज अमलिपदर हायर सेकंडरी के छात्र थे। उन्होंने इलाके की समस्या से जूझना उसी समय से ही शूरू कर दिया था। उसी दौरान एक समस्या को लेकर तत्कालीन सांसद पवन दीवान के दौरे का कड़ा विरोध भी किया था। उनके कड़वे बोल के चलते पवन दीवान ने उन्हें तमाचा भी जड़ दिया था। जिसके बाद वे सुर्खियों में आ गए। 1995 के बाद उन्हें यूथ कांग्रेस की कई जिम्मेदारियां दी गई। तब से उनका राजनीतिक सफर सूरू हुआ था।
2004 में नीरज ने पहली बार मैनपुर जनपद का चुनाव लड़ा। इस जीत के बाद मैनपुर जनपद उपाध्यक्ष के लिए बाजी लगाई ओर कुर्सी हासिल कर ली। दूसरी बार फिर से 2009 में जनपद चुनाव जीता और उपाध्यक्ष बने। 2015 में जिला पंचायत गरियाबंद का चुनाव लड़ कर जिला पंचायत में निर्माण संचार व सनकर्म विभाग के सभापति बन गए।