यही कारण है कि इन दिनों मलेरिया और डेंगू के कारक लारवा तेजी से पनप रहे हैं। आमतौर पर पाक और सड़क किनारे कुछ दिनों तक पड़े रहने के बाद ऐसे डिस्पोजल लारवा के लिए मुफीद बन जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्तेमाल के बाद डिस्पोजल को नष्ट करके कचरे के डिब्बे में ही फेंकना चाहिए। मलेरिया विभाग की मानें तो आम तौर पर कुछ खाने पीने के बाद हम जिन डिस्पोजलों को खुले में छोड़ देते हैं। उसमें पानी या अन्य तरल की मौजूदगी से लारवा को पनपने का मौका मिलता है। इसके अलावा कूलर और घर में पानी की टंकी भी मलेरिया के कारक मादा एनाफिलीज और डेंगू के कारक एडीज के लिए मुफीद होते हैं।
तिल्दा-नेवरा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेंद्र पात्रे ने बताया कि साफ -सफाई करना तो नगर पालिका का काम है और नगर पालिका के कर्मचारी इस कार्य में जुटे हुए हैं। नगर पालिका कर्मचारी कितनी भी सफाई कर लें, जब तक शहरवासी इस अभियान में सहभागी नहीं बनेंगे तब तक यह अभियान पूरी तरह से सफल नहीं हो सकता। समय-समय पर हम मच्छरों को मारने के लिए दवाई का छिड़काव करते हैं। बारिश का मौसम है। कहीं न कहीं पानी का जमाव रहता है और मच्छर आ जाते हैं। मैं सभी से अपील करता हूं कि वह कचरे को रास्ते में न फेंके डिस्पोजल को नष्ट कर दें।