ग्रामीणों के द्वारा मनरेगा कार्य स्थल पर हंगामा मिलने की खबर पाते ही जनपद सीईओ मोहनीश आनंद देवांगन भी डुमरबाहाल पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की,लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए। ग्रामीणों का आरोप था कि उन्होंने सही गोदी खोदा है, लेकिन मूल्यांकन गलत तरीके से करते हुए उनकी मजदूरी राशि काट दी है।
वहीं शुक्रवार से ही ग्रामीणों ने कार्यस्थल पर जाकर नारेबाजी करते हुए मनरेगा के काम का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया। ग्रामीण बताते हैं कि जहां उनके काम का उचित मजदूरी नहीं मिल रहा है, ऐसे काम को करने से क्या मतलब रह गया है। नाराज ग्रामीणों ने जिम्मेदारों के खिलाफ भी नाराजगी व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की।