औरैया सड़क हादसे में दो की मौत
औरैया सड़क हादसे में भी बिहार के दो मजदूरों की मौत हो गई। शवों की पहचान का काम अभी जारी है। पहचाने गए मृतकों में दोनों गया जिले के हैं। एक का नाम केदारी यादव और दूसरे का नाम सतेंद्र है। दोनों गया जिले बाराचट्टी के मूल निवासी बताए जा रहे हैं। घायलों में भी बिहार के कुछ मजदूर शामिल बताए जा रहे हैं। मुख्यममंत्री ने मृतकों के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट की है।
लगातार हो रहे हादसों में मारे जा रहे मजदूर
घर वापसी की ललक में कोरोना बंदी के बीच हादसे भी खूब हो रहे और इनमें बेबस मजदूर ही मारे जा रहे। दो दिनों पूर्व मुजफ्फरनगर-सहारनपुर सड़क हादसे में भी कई मजदूर काल कवलित हो गये। महाराष्ट्र से घर जा रहे मजदूरों से भरी बस कटिहार के रास्ते में उजियारपुर के पास गड्ढे में पलट गई और दो मजदूर घर आने से पहले ही चल बसे। भोजपुर जा रही ट्रॉली भी दो दिनों पहले बिहटा के नेऊरा के पास पलट गई जिसमें दो चल बसे। इससे पूर्व थककर रेलवे पटरियों पर सो गए लोग जो ट्रैन से कटकर मर गये वे भी बेबस मजदूर ही थे जो तक हारकर पटरियों के किनारे पैदल चलकर अपने गांव पहुंचने की लंबी यात्रा पर निकले थे।
मजदूरों की मौत और जहां-तहां हो रहे बवाल के बाद सीएम की अपील
मुख्यममंत्री नीतीश कुमार ने अब जाकर प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे पैदल या और माध्यमों से घर-वापसी के लिए नहीं चलें। सीएम ने कहा कि सरकार को बताएं, उन्हें साधन भेजकर घर पहुंचाया जाएगा। मुख्यममंत्री की यह अपील तब जारी हुई जब बिहार में विशेष ट्रेनों, क्लर्कों, ट्रॉलियों, खेलों, साइकिलों और आटो या जुगाड़ गाड़ियों अथवा पैदल कोसों चलकर लाखों लोग घर आ चुके हैं। शुरू में नीतीश कुमार ने यह अपील यदि जारी की होती तो बिहार के लोग सुरक्षित रहते और कोरोना संक्रमण की चेन भी इस क़दर नहीं बढ़ जाती। लेकिन शुरुआती दौर में सीएम ने -जो जहां हैं, वहीं रहें, सरकार वहीं उन्हें मदद करेगी-जैसी अपील जारी की। कोटा से छात्रों के घर वापस लाने का भी जबरर्दस्त विरोध किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान लॉकडाउन की मर्यादाओं की दुहाई देते हुए नई गाइडलाइंस तक की मांग कर डाली। अब स्पेशल ट्रेनों से और जैसे भी हो सका, लाखों घर आ गए तो सरकार के नियंत्रण से मामला आगे निकल चुका है।