एटीएस के सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई कि नूर आलम और आमिर हुसैन की गिरफ्तारी के लिए एटीएस की टीम करीब 6 महीने से लगी हुई थी। लॉकडाउन से पहले एक बार गाजियाबाद और मेरठ में भी दबिश दी गई थी। लेकिन एटीएस की टीम को कोई कामयाबी नहीं मिल सकी । उसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि आमिर स्मार्ट मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था और वह लगातार अपनी लोकेशन बदलने के दौरान एटीएस की टीम को चकमा दे रहा था।
सोमवार की शाम एटीएस की टीम ने दोनों रोहिंग्या को थाना मसूरी इलाके से गिरफ्तार किया है। बड़ी बात यह है कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी कोई भनक नहीं लगी है। इसलिए इस पूरे मामले में गाजियाबाद पुलिस कोई जानकारी देने से बच रही है। बताया जा रहा है कि दोनों से पूछताछ के बाद जनपद में और भी जगह एटीएस छापेमारी कर सकती है।