प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जबसे कुछ बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय कर दिया गया है तब से कई लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही जो बैंक के कर्मी हैं उनकी नौकरी भी खतरे में पड़ गई है। इस बात को लेकर सभी बैंककर्मी सरकार के इस फैसले से बेहद नाराज हैं।
बताते चलें कि वित्तमंत्री द्वारा बैंकों के विलय का ऐलान किया गया था। जिसके चलते यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक का विलय हुुुआ। दूसरी ओर केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का आपस में विलय हुुुआ। तीसरा बड़ा विलय यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का होगा, जबकि इलाहाबाद बैंक के साथ इंडियन बैंक का विलय हुुुआ है।
अब इन 10 बैंकों की जगह केवल चार राष्ट्रीयकृत बैंक हैं। जबकि पहले से मौजूद आठ अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों को मिलाकर देश में सरकारी बैंकों की संख्या केवल 12 रह गई है। जिसके चलते इन बैंकों में काम कर रहे सभी कर्मचारी सरकार के इस फैसले से बेहद नाराज दिखाई दे रहे हैं। उनका कहा है कि कर्मचारी बेरोजगारी की कगार पर आ जाएंगे।