विधायक के ऑफिस से निकलने के बाद आशुतोष सिंह जिलाधिकारी दफ्तर पहुंचे और अपनी आपबीती तमाम अधिकारियों को बताई। इसके बाद सभी अधिकारी आशुतोष सिंह के साथ अपर जिलाधिकारी आवास पर पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही। आशुतोष सिंह द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों में कितनी सच्चाई है। यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन यह पहला मामला नहीं है। जब नंदकिशोर गुर्जर इस तरह सुर्खियों में रहे हैं। चाहे वह रेत खनन का मामला हो, या फैक्ट्रियां बंद कराने का। लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर हमेशा से ही सुर्खियों में रहे हैं।
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वहीं, इस पूरे मामले में अपर जिला अधिकारी ने अधिकारी की बात सुनते हुए जांच की बात कही है। जिला अधिकारी का कहना है कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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वहीं, जब इस मामले में विधायक नंदकिशोर गुर्जर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग के अधिकारी ने उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, सभी बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले इस इलाके में अवैध रूप से चल रही मीट की दुकानों को प्रशासन द्वारा बंद कराया गया था, जिन्हें खुलवाने की एवज में इस अधिकारी महोदय ने दुकानदारों से पैसे लिए गए थे। इनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। उसके बाद इन्हें सस्पेंड किया गया, लेकिन दोबारा से फिर इनकी तैनाती उसी इलाके में हो गई और अब भी यह उसी ढर्रे पर इस इलाके में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें ऑफिस पर बुलाया भी नहीं गया था। वह खुद ही ऑफिस पर पहुंचे थे, जहां पर उनसे नॉर्मल ही बात की गई थी। किसी तरह की कोई मारपीट नहीं की गई थी।
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विधायक नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि अपने बचाव के लिए इस अधिकारी महोदय ने यह बेवजह के आरोप उनके ऊपर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और इनकी असलियत सामने आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उल्टा उनके ऑफिस में ही यह धमकी भी दी कि मुख्यमंत्री से उनके बहुत अच्छे संबंध है। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार जब आपको मुख्यमंत्री से मिलवाया था तो मैंने ही मिलवाया था। बहरहाल सभी आरोप बेबुनियाद है और इसकी निष्पक्ष से जांच होनी चाहिए।