अचानक खराब हुई तबीयत विजयनगर इलाके की सेक्टर—9 कॉलोनी के जे—155a में राजेश कुमार परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में उनकी पत्नी, 15 साल का बेटा दिवेज और 19 साल की बेटी अपर्णा है। वे काफी समय से वहां किराए पर रह रहे हैं। बुधवार को अचानक अपर्णा की तबीयत बहुत खराब हो गई।उसे अस्पताल ले जाने के लिए राजेश को कोई साधन भी नहीं मिला। पड़ोसियों ने इसकी सूचना सबसे पहले विजय नगर पुलिस को दी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद राजेश के पड़ोसी ने मीडियाकर्मी से बात की। मीडियाकर्मी ने फिर सीओ धर्मेंद्र सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला तक मामला पहुंचाया। इसके बाद उन्होंने फौरन एक प्राइवेट एंबुलेंस के जरिए युवती जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचाया।
यह कहा अस्पताल ने अस्पताल में भी राजेश की दिक्कतें कम नहीं हुईं। वहां वह अपर्णा को लेकर इधर से उधर करीब 4 घंटे तक घूमता रहा। आखिर में उसे यह कहकर वापस भेज दिया गया कि लॉकडाउन के चलते वहां इलाज संभव नहीं है। राजेश एक निजी कंपनी में फोर्थ क्लास का कर्मचारी है। वह अपर्णा को प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती नहीं करवा पाया और उसे वापस घर ही आना पड़ा। इसके बाद अपर्णा की हालत और खराब हो गई। पड़ोसी की इसकी जानकारी फिर से मीडियाकर्मी को दी। उनसे कहा गया कि यदि अपर्णा को जल्द ही चिकित्सा मुहैया नहीं कराई गई, तो उसकी जान भी जा सकती है।
सीओ ने दोबारा पुलिस की गाड़ी से भिजवाया अस्पताल इसकी जानकारी दोबारा सीओ धर्मेंद्र सिंह को दी गई। उन्होंने पुलिसकर्मियों को राजेश के घर भेजा और अपर्णा को दोबारा जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद सीओ धर्मेंद्र सिंह ने जिला एमएमजी अस्पताल के चिकित्सकों से बात की। इसके बाद अपर्णा को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उसका उपचार अभी जारी है। इसके लिए परिवार ने सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट को धन्यवाद दिया। राजेश का कहना है कि यदि अपर्णा को उस वक्त भर्ती नहीं कराया जाता तो निश्चित तौर पर उसकी जान जा सकती थी।