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सीज की गई बसें दिखने में रोडवेज बसों की तरह नजर आती हैं। मगर वसूली निजी लोग करते थे। इन बसों का संचालन वैशाली, आनंद विहार रूट पर होता है। इन बसों में हापुड़, नोएडा, मेरठ तक की सवारियों को बैठाया बीते दिनों कुछ लोगों ने रोडवेज मुख्यालय में इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत को संज्ञान लेते हुए एआरएम गाजियाबाद और साहिबाबाद ने परिवहन निगम के साथ मिलकर अभियान चलाते हुए कुल आठ बसों को सीज किया गया है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह ने बताया है कि त्यौहारों तक यह अभियान लगातार जारी रहेगा।अपनी नवजात बेटी को गोद में लेकर ऑफिस संभालने वाली आईएएस ऑफिसर साैम्या पांडेय बनी नजीर
जानिए काैन है साैम्या सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज बीपी अग्रवाल ने बताया है कि सोमवार को सुबह छह बजे से लेकर रात आठ बजे तक चले अभियान के तहत जिले से आठ डग्गामार बसों को जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि लोगों को धोखा देने के उद्देश्य से इन बसों का संचालन करने वाले लोगों ने बसों को रोडवेज बसों की तरह रंग व स्लोगन लिखकर इन्हें सड़क पर उतार रखा था जिससे यात्री रोडवेज की बस समझकर इन डग्गामार बसों में सफर करें। अधिकारियों ने बताया है कि सोमवार को अभियान चलाया गया है इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। बता दें कि गाजियाबाद में 40 से अधिक डग्गामार बसों को संचालन हो रहा है जिसके जरिये रोडवेज को हर महीने लाखों का चूना लगाया जा रहा है।