इन लोगों का आरोप है कि उनके घरों में बिजली दिए जाने के लिए बिजली विभाग अलग से ट्रांसफार्मर लगाने के नाम पर पैसा मांगा जा रहा है। उधर लॉकडाउन के कारण उनके काम धंधे पूरी तरह चौपट हो चुके हैं। इसलिए उन्हें अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है,तो फिर यह लोग कहां से इतने पैसे जमा कर पाएंगे। इसलिए अपनी समस्या से परेशान होकर अब लोग अपने जनप्रतिनिधियों को भी कोसते हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि जनप्रतिनिधियों की तरफ से इनकी समस्या के समाधान के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है जबकि चुनाव में बिजली मुहैया कराए जाने का वादा किया गया था।
आरोप है कि बिजली न होने के कारण लोग घरों में बीमारी का शिकार हो रहे हैं और छोटे बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं। इन परिवारों का यह भी कहना है कि इनकी इस कॉलोनी को बिजली विभाग अवैध भी बता रहा है जबकि इस कॉलोनी में अन्य लोगों के घरों में बिजली मौजूद है। यानी इन्हें बहुत दिन से गुमराह किया जा रहा है। जिस कारण ये परिवार अब यहां से पलायन को मजबूर हो रहे हैं।
उधर इस पूरे मामले में इलाके के बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अमित सक्सेना का कहना है कि जिस कॉलोनी में यह लोग रह रहे हैं। उसका एस्टीमेट बनाकर अलग से ट्रांसफार्मर लगाए जाने के लिए पैसा जमा किया जाना है। यदि यह सभी लोग एस्टीमेट का पैसा जमा कराते हैं तो बिजली का कनेक्शन दे दिया जाएगा।