किसानों का साफ तौर पर कहना है कि कोरोना से लड़ेंगे लेकिन बॉर्डर खाली नहीं करेंगे। इस बयान के बाद अब किसान नेताओं ने कोरोना से बचाव के लिए रणनीति तैयार करनी शुरू की है। यानी सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ साथ मास्क लगाए जाने के लिए एक विशेष योजना बनाते हुए धरना स्थल पर बैठे सभी किसानों को इससे बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं और हाल में ही पहली खेप में 7000 मास्क से लाए गए हैं जो किसानों को वितरित किए जा रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत rakesh tikait का कहना है कि भले ही कोरोना पांव पसार रहा हो लेकिन किसान जिस तरह से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं वह लड़ते रहेंगे। किसान कई महीनों से धरने पर बैठे हुए हैं धरने पर बैठे किसान उसी तरह से वह कोरोना से भी लड़ेंगे और हर हाल में धरना स्थल पर ही अपना धरना जारी रखेंगे लेकिन बॉर्डर खाली नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए जिस तरह से सरकार के द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है उसका भी यहां पालन किया जाएगा और किसी भी हाल में धरना स्थल छोड़कर वापस नहीं जाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि पहली खेप में 7000 मास्क मंगाए गए हैं जिन्हें यहां सभी किसानों को वितरित किया जायेगा। इस तरह से लगातार मास्क लाए जाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का भी पूरा प्रयास किया जाएगा। इसके लिए किसानों के हर जत्थे से युवाओं का एक दल इस तरह एक्टिव किया जा रहा है कि सभी किसानों को वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा सकें और मास्क का भी प्रयोग कराया जाए।