गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर पर कृषि कानून की वापसी को लेकर धरने पर बैठे किसान छुट्टी के दिन बड़ी संख्या में नजर आते हैं और अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए कई तरह की चर्चा करने के बाद उसे अमलीजामा पहनाने में लगे रहते हैं। उधर गर्मी ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी से राहत के लिए रविवार की सुबह किसानों ने यूपी गेट बॉर्डर पर एक गन्ने का कोल्हू लगाया और ट्राली में भरकर गन्ने लाए गए। किसानों ने कोल्हू और गन्ने से भरी ट्रॉली देखी तो सभी बेहद उत्साहित दिखाई दिए। किसान नेताओं का कहना है कि जिस तरह से एकाएक गर्मी पड़ रही है तो गर्मी से राहत पाने के लिए यहां गन्ने का कोल्हू लगाया गया है ताकि किसान अपने खेतों में पैदा किया हुआ गन्ने का जूस खुद भी पी सके।
रविवार सुबह से ही धरना स्थल पर किसानों की भीड़ बढ़ने शुरू हो गई और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत लगातार दूरदराज के किसानों से संपर्क साधने में लगे हुए हैं। अचानक ही बढ़ती भीड़ को देखकर लगता है कि जिस तरह से राकेश टिकैत किसानों से संपर्क साध रहे हैं यह उसका असर दिखाई पड़ता है। धरने पर बैठे किसान अपने-अपने टेंट में बैठकर कई तरह के मनोरंजन कर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। किसान आंदोलन में ज्यादातर देखा जा रहा है कि जो बुजुर्ग किसान हैं वह परमानेंट जमे हुए हैं जबकि युवा किसान बीच-बीच में वापस भी लौट जाते हैं और वह दोबारा धरना स्थल पहुंच जाते हैं। बहरहाल यहां धरने पर बैठे किसानों का साफ तौर पर कहना है कि यह आंदोलन भले ही लंबा चले लेकिन जब तक सरकार इनकी बात नहीं मानती है तो यह घर वापसी नहीं करेंगे।