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बता दें कि मंगलवार से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बाद भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर से कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशसानिक अधिकारी प्रदूषण कंट्रोल करने को लेकर तमाम दावे कर रहे हैं। बावजूद इसके स्थिति अभी से गंभीर होने लगी है। वहीं जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान गिरेगा वैसे ही प्रदूषण का स्तर और भी खतरनाक स्थिति में पहुंच जाएगा। भारतीय कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. एन सुभाष का कहना है कि वायु प्रदूषण में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कृषि अवशेषों के जलने से हो रही है। इसके साथ ही स्थानीय कारण जैसे फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं, कंस्ट्रक्शन साइटों से उडने वाली धूल और जगह-जगह जलाया जा रहा कूड़ा प्रदूषण के लिए मुख्य जिम्मेदार है।
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