17 जुलाई से शुरू हो चुका है Sawan 17 जुलाई 2019 से सावन माह ( Sawan Month ) शुरू हो चुका है। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा ( Kanwar Yatra 2019 ) भी शुरू हो चुकी है। इस बार 2019 में हरियाली अमावस्या ( Hariyali Amavsya 2019 ) 1 अगस्त 2019 को है। दूधेश्वर नाथ मंदिर (
Dudheshwar Nath Mandir ) के महंत नारायण गिरी जी महाराज का कहना है कि इस बार हरियाली अमावस्या ( Hariyali Amavsya 2019 ) पर पंच महायोग का संयोग बनेगा। यह संयोग लगभग 125 साल बाद पड़ रहा है। इस दिन सिद्धि योग, शुभ योग, गुरु पुष्यामृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग है। इसमें सभी देवी-देवताओं और मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है।
31 जुलाई से प्रारंभ हो जाएगी अमावस्या तिथि पुजारी बद्री शर्मा का कहना है कि अमावस्या तिथि का प्रारंभ 31 जुलाई को सुबह 11.57 बजे से होगा, जो 1 अगस्त को प्रात: 8.41 बजे तक रहेगा। इस दिन पौधरोपण का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि वृक्षों में देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए इस दिन एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। साथ ही हरियाली अमावस्या ( Hariyali Amavsya 2019 ) पर पितरों को भी प्रसन्न कर सकते हैं। इसे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। उनके अनुसार, इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान और श्राद्धकर्म करें। इस दिन रात में नदी किनारे दीपदान का बड़ा महत्व है। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं उनका कहना है कि इस दिन दोपहर 12 बजे से पहले पीपल के पेड़ की 21 परिक्रमा करते हुए जल चढ़ाएं। साथ ही मौली के 21 फेरे बांधें। इसके बाद सूर्यास्त से पहले पीपल के पेड़ के नीचे आटे से पांच दीपक बनाकर जलाने से धन संबंधी समस्या समाप्त हो सकती है। सर्पदोष और शनि की दशा का प्रभाव कम करने के लिए हरियाली अमावस्या ( Hariyali Amavsya 2019 ) के दिन शिवलिंग पर जल और पुष्प चढ़ाएं। इसके अलावा रोग से छुटकारे के लिए नीम का पेड़, सुख की प्राप्ति के लिए तुलसी का पौधा, संतान प्राप्ति के लिए केले का वृक्ष और धन संपदा के लिए आंवले का पौधा लगाएं।
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