गाजियाबाद के जिला अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बाहर कोविड-19 शंकर में 92 वर्षीय बुजुर्ग की 2 दिन पहले मौत हो गई थी । बुजुर्गों के परिजनों का आरोप है कि वहां के स्टाफ और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण बुजुर्ग की मौत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सुबह 6:00 बजे तक बुजुर्ग गंभीर हालत में इमरजेंसी गेट के बाहर ही रहे। किसी ने उन्हें देखा तक भी नहीं। सुबह के वक्त चिकित्सक ने जब उन्हें देखा ताे मृत घोषित कर दिया गया । परिजनों ने बुजुर्ग की मौत के जिम्मेदार वहां के स्टाफ और चिकित्सकों को ठहराया है । इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की गई थी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार गुप्ता ने विभागीय जांच के निर्देश दिए। उधर यह मामला जब मीडिया में आया तो जिला प्रशासन ने भी इस पूरे मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई।
उधर इस पूरे मामले में जिला अधिकारी का कहना है कि शुरुआती जांच में निजी अस्पतालों की लापरवाही उजागर हो रही है। सिटी मजिस्ट्रेट मामले की गहनता से जांच करेंगे। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुराना बस स्टैंड स्थित एक निजी नर्सिंग होम और कवि नगर स्थित निजी अस्पताल और अन्य निजी अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। बहरहाल इस पूरे मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है। इस मामले के बाद जिला अस्पताल का पूरा स्टाफ और चिकित्सक पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है।