राशि गर्ग का आरोप है कि करीब 4 घंटे तक मौजूद सभी अधिकारियों द्वारा दस्तावेज में खासी कमी होने के बाबजूद लीपा-पोती करते हुए भाजपा के दबाव में आकर अधिकारियों ने आशा शर्मा के दस्तावेज को वैध ठहराया गया। जबकि उसी वक्त कानून के हिसाब से उनका नॉमिनेशन कैंसिल होना चाहिए था। क्योंकि कानून सभी के लिए बराबर है। वहीं राशि गर्ग के पति का आरोप है कि आशा शर्मा के दस्तावेजों को लेकर तभी से विरोध चलता रहा था। वहीं उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव में भी भाजपा ने ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी कर आशा शर्मा को जितवाया है।
बहरहाल, तमाम विरोध के बाद भी जब अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं हुई तो अब राशि गर्ग ने DJ की अदालत में आशा शर्मा के खिलाफ पिटीशन दायर किया है। राशि गर्ग के पति अभिषेक गर्ग का कहना है कि यदि शुरुआती दौर से ही सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच की जाए तो निश्चित तौर पर आज भी आशा शर्मा के दस्तावेजों में कमी नजर आएगी और कानून के चलते चुनाव दोबारा भी कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग की साइट पर आज भी आशा शर्मा के दस्तावेज अपलोड नहीं हैं, जबकि सभी प्रत्याशियों के पेपर अपडेट हैं। उनका आरोप है कि आशा शर्मा के दस्तावेजों में खामियों के चलते ही अपलोड नहीं किया गया है। इतना ही नहीं निकाय चुनाव के बाद आयोग की साइट पर बूथ वाइज डाटा को भी अपलोड नहीं किया गया है। इन सब खामियों को देखते हुए अब आशा शर्मा के खिलाफ पिटीशन दायर किया गया है।