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गाज़ियाबाद

बिग ब्रेकिंग: निठारी कांड के 9वें मामले में पंढेर और कोली को मौत की सजा

सीबीआई की विशेष अदालत ने निठारी केस में मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेन्द्र कोली को मौत की सजा सुनाई है।

गाज़ियाबादDec 08, 2017 / 02:24 pm

Kaushlendra Pathak

nithari kand Pandher and Koli gets death Punishment by cbi court
गाजियाबाद। निठारी कांड में गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने 9वें मामले यानि अंजलि हत्या केस में मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेन्द्र कोली को मौत की सजा सुनाई है। दोनों को यह सजा धारा 364, 302, 376, 120 बी और 201 के तहत सुनाई गई है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अंजलि मामले में दोनों को तब तक फांसी के तख्ते पर लटकाया जाए, जब तक उनके प्राण ना निकल जाएं। बता दें कि गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने अंजलि हत्याकांड में दोनों को दोषी करार दिया था, जिसपर आज यह अहम पैसला सुनाया गया।
8 मामलों में पहले सुनाई जा चुकी है मौत की सजा

इससे पहले भी 8 मामलों में CBI कोर्ट कोली को दोषी करार देते हुए सजा सुना चुकी है। इस मामले में आरोपी नौकर सुरेन्द्र कोली अकेला ऐसा शख्स है जिसे सबसे ज्यादा बार फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। निठारी कांड मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में सुरेंद्र कोली के खिलाफ कुल 16 मामले चल रहे थे। इसमें अभी तक कुल 8 मामलों में सुनवाई हो चुकी थी। इनमें से सभी 8 मामलों में सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया गया था, जबकि मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ तीन मामले थे। वहीं, मनिंदर सिंह पंढेर को भी कुल दो मामलों में दोषी ठहराया गया है। आपको बता दें कि सीबीआई ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज नौवां मामला था। इससे पहले 8 मामलो में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। पहली सजा सितंबर 2009, दूसरी सजा मई, 2010, तीसरी सजा सितंबर, 2010, पांचवी सजा दिसंबर 2010, चौथी सजा दिसंबर 2012, पांचवी सजा अक्टूबर 2016, छठवीं सजा 16 दिसंबर 2016, सातवीं सजा जुलाई 2017 को फांसी की सजा सुनाई गई।
हत्या के पीछे यह थी वजह

पुलिस के मुताबिक, मोनिंदर पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल्स आया करती थीं। इस दौरान कोली उनसे नजदीकी बढ़ाना चाहता था, लेकिन नौकर होने की वजह से वह अपनी मकसद में कामयाब नहीं हो पाया। इसके कारण वो धीरे-धीरे नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित होता गया और फिर शुरू कर दिया बलात्कार और हत्या करने का घिनौना काम।
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