वहीं संजना कसाना ने बताया कि उसे पढ़ाने के लिए पिताजी को खेत में खूब पसीना बहाते देखा है। संजना ने कहा कि एक किसान परिवार से होने के कारण उन्हें किसी का मार्गदर्शन तो नहीं मिल सका, लेकिन माता-पिता को मुझ पर पूरा विश्वास था कि मैं एक दिन उनका नाम जरूर रोशन करूंगी। 24 वर्षीय संजना का कहना है कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने पहले ही प्रयास में पीसीएस जे-2018 की परीक्षा में 342वीं रैंक हासिल कर ली है। संजना का कहना है कि उन्होंने रोजाना सुबह लगातार 5 से 7 घंटे तक पढ़ाई की थी। वह सेल्फ स्टडी के साथ ही कॉलेज और कोचिंग सेंटर भी जाती थी। इसके लिए उन्होंने परिवार को हर कदम पर साथ देने के लिए भी धन्यवाद दिया है। बता दें कि संजना की मां गृहणी हैं।
बेटी ने किया मेरे पिता के सपने को साकार संजना के साथ ही मुरादनगर कोतवाली क्षेत्र के भिक्कनपुर गांव की रहने वाली शैफाली चौधरी ने भी पीसीएस जे-2018 में ओबीसी कैटेगिरी में 54वीं रैंक हासिल की है। बता दें कि यह पहनी बार है, जब मुरादनगर की बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है। शैफाली के पिता यदुवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि परिवार से कोई न कोई जज बने। आज इस सपने को उनकी बेटी ने साकार कर दिया है। इसी तरह डासना क्षेत्र के दीनानाथपुर पूठी के रहने वाले अमित यादव ने भी अपने दूसरे प्रयास में पीसीएस जे-2018 की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली है। अमित ने बताया कि उन्होंने रोजाना करीब नौ घंट पढ़ाई के बाद परीक्षा पास की है।
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