इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि साइबर सेल टीम को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। जिसके तहत 7 ऐसे शक्तिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। जिनका एक बड़ा गैंग चलता है। इस गैंग के लोग ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुका है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने बताया कि इनका यह गैंग कई साथियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करता है।इस गैंग का मास्टरमाइंड दुबई में रहने वाला बजिन्दर है जोकि पिछले 5 साल से दुबई में रह रहा है। जो भारतीय लोगों को बल्क में मैसेज के द्वारा लिंक भेज कर पैसा कमाने का लालच देकर गेम ऐप डाउनलोड करा देता है और भारत में रह रहे इनके गैंग के सदस्य सैकड़ों खाताधारकों के साथ मिलकर फर्जी उद्योग दिखाकर फर्जी पते पर फर्जी कागजात तैयार कर चालू बैंक खाता खुलवा लेते हैं।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि एक खाता बजिन्दर को उपलब्ध कराने पर इन लोगों को ₹400000 पहले दिन और ₹5000 प्रतिदिन के हिसाब से तब तक मिलते रहते हैं। जब तक पुलिस के द्वारा बैंक खाता बंद नहीं करा दिया जाता है। इस पैसे को यह लोग खाताधारक के साथ मिलकर बराबर बांट लेते हैं। बजिन्दर दुबई से ही ऑनलाइन गेम ऐप का आईडी पासवर्ड पीड़ित को व्हाट्सएप के द्वारा भेजता है तथा ऐप पर ही पीड़ित को एक वायलेट अकाउंट मिल जाता है। जिसमें पीड़ित व्यक्ति अपने बैंक खाते से पैसों का लेनदेन कर सकता है।लेकिन जैसे ही पीड़ित व्यक्ति लालच में आकर 50000 या उससे अधिक पैसे गेम में लगाता है तो वायलट ब्लॉक कर दिया जाता है और पीड़ित ठगी का शिकार हो जाता है। साइबर सेल गाजियाबाद की अब तक की जांच में लगभग 70 चालू खाते प्रकाश में आए हैं। जिनमें लगभग 100 करोड़ से अधिक का लेन देन किया जाना सामने आया है।
एसपी सिटी ने बताया कि 50 लाख से अधिक रुपए अलग-अलग खातों में फ्रीज करा दिया गया है। जिनमें से 10 बैंक खातों की नोएडा, अंबाला, पानीपत जाकर जांच की गई तो सभी पते फर्जी पाए गए हैं। सभी बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है। हर खाते में लगभग प्रतिदिन 20 लाख से 40 लाख का लेनदेन सामने आया है। इस गैंग का पर्दाफाश कर दिया गया है। अभी उनका मास्टरमाइंड फरार है। उसे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।