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इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक राजशेखर ने बताया कि लखनऊ एक्सप्रेस हाईवे पर भीषण हादसे के बाद से प्रशासन ने देर रात में चलने वाली सभी बसों के चालक और परिचालकों का अल्कोहल टेस्ट कराए जाने की शुरुआत कर दी गई है। यह परीक्षण उत्तर प्रदेश के मेरठ, आनंद विहार , कौशांबी गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, लखनऊ, गोरखपुर, बनारस, कानपुर, बरेली आैर मुरादाबाद आदि के अलावा सभी बड़े बस स्टैंड पर होना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षण बस चलने से पहले एक विशेष टीम कर रही है। उन्होंने बताया कि यदि इस दौरान किसी भी चालक और परिचालक के परीक्षण में अल्कोहल की पुष्टि होती है तो उसके स्थान पर दूसरे चालक और परिचालक को नियुक्त कर भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा चालक और परिचालक के परीक्षण में अल्कोहल के सेवन की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति भी की जाती है। इस मामले में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के उप अधिकारी एसपी सोनकर ने बताया कि देर रात चलने वाली बसों के हादसे या तो चालक के नींद आने पर होते हैं या चालक नशे में हो तब होते हैं। इसलिए अब शासन के निर्देशानुसार देर रात चलने वाली सभी बसों के चालक और परिचालकों का अल्कोहल परीक्षण किया जाना अनिवार्य कर दिया है। इस अल्कोहल परीक्षण के बाद से अचानक होने वाले भीषण हादसों में निश्चित तौर पर कमी आएगी।