गाज़ियाबाद

जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और नरसिंहानंद के रिश्ते में दरार, यति ने किया सार्वजनिक जीवन त्यागने का ऐलान

जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी और यति नरसिंहानंद के रिश्ते में आई दरार। जितेंद्र त्यागी से मिलने हरिद्वार पहुंचे यति नरसिंहानंद, लेकिन आंख बचाकर निकल गए जितेंद्र त्यागी। आहत नरसिंहानंद सरस्वती बोले इस्लामी जिहाद से लड़ाई लड़ना था गलत। अब नहीं जिऊंगा सार्वजनिक जीवन।

गाज़ियाबादMay 19, 2022 / 05:51 pm

lokesh verma

जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी जेल से रिहा, बगैर मिले निकले तो यति ने की सार्वजनिक जीवन त्यागने की घोषणा।

गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के बीच दरार पड़ गई है। वसीम रिजवी के धर्म परिवर्तन के दौरान यती नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें अपना भाई माना था। लेकिन, अब दोनों के बीच बड़ी खाई बन गई है। बताया जा रहा है कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जेल से रिहा होने के बाद यती नरसिंहानंद सरस्वती महाराज और उनके अन्य साथियों से मिले बगैर ही निकल गए। इस बात से आहत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अपने जीवन दूसरे अध्याय की घोषणा कर दी है। उन्होंने अभी तक इस्लामी जिहाद से लड़ाई लड़ने को खुद की गलती बताया है और आगे का जीवन मां जगत जननी और महादेव के यज्ञ में ही बिताने का ऐलान किया है।
बता दें कि इस्लामी जिहाद के खिलाफ अक्सर विवादित बयानों को लेकर डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार यती नरसिंहानंद सरस्वती ने इसके विपरीती बयान देकर सबको चौंका दिया है। यति ने कहा है कि अभी तक उन्होंने इस्लामी जिहाद से लड़ने में अपना समय लगाया और तमाम तरह की परेशानियों को झेला। लेकिन, अब वह अपने जीवन का आगे का नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। यानी वह आने वाला आगे का जीवन मां जगत जननी और महादेव के यज्ञ में ही व्यतीत करेंगे। सार्वजनिक जीवन से उनका कोई वास्ता नहीं रहेगा।
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यति बोले- सिर्फ जितेंद्र त्यागी से मिलने हरिद्वार आया

दरअसल, आज जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जेल से रिहा हो गए हैं। यति नरसिंहानंद सरस्वती और उनके अन्य तमाम साथी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी से मिलने गए थे। लेकिन, जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रिहा होने के बाद उनसे मिले बगैर ही चले गए। इस बात से यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा कि वह हरिद्वार में केवल और केवल जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिए आए थे।
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जितेंद्र सिंह से मांगी क्षमा

उन्होंने कहा कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का जेल में किस तरह का अनुभव रहा, यह तो वही जान सकते हैं। लेकिन, आज वह यह जरूर कहना चाहते हैं कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को यदि जेल जाना पड़ा तो उनकी कमजोरी के कारण जाना पड़ा। इस बात के लिए वह खुद अपने आप को दोषी मान रहे हैं और इस बात के लिए जितेंद्र नारायण सिंह से वह क्षमा प्रार्थी भी हैं। इतना ही नहीं यती नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि वह यह घोषणा करते हैं कि अभी तक उन्होंने जो भी किया। उन सभी गलतियों के लिए वह क्षमा मांगते हैं और अब वह अपना आगे का जीवन एकदम साधारण व्यतीत करेंगे।
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