डिजेयर मशीन को लगाया गया है। जो नदी की धारा को मोड़ने का रास्ता तैयार कर रहा है। बंधे पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे दो बार चोरी हो चुके हैं। जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ-साथ दूसरे सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इन कैमरों के जरिए मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जा रही थी।सीसीटीवी कैमरे से गोंडा में ही बैठकर नदियों के घटने बढ़ने स्थित की जानकारी हो जाती है। बाढ़ से बचाव के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई आसपास के गांव वालों के लिए 334 नाव की व्यवस्था कर दी गई है। तरबगंज में 12 बार चौकी कर्नलगंज में 11 और मनकापुर में एक चौकी की स्थापना की गई है। बाढ़ के लिये कंट्रोल रूम स्थापित कर कंट्रोल रूम का 05262230125 जारी किया गया है।
तरबगंज में 61 तथा कर्नलगंज में 42 गाँव मनकापुर में एक गाँव बाढ़ से प्रभावित होते है। बाढ़ पीड़ितों के लिए रसद की व्यवस्था एवं पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था के लिए टेंडर कर दिया गया है। जिससे बाढ़ पीड़ितों को कोई परेशानी नहीं होगी, बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों की बढ़ोतरी होती है। इसके लिए भी पूरी तैयारी करके स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है। इस बार महिलाओं के सुरक्षा के लिए अलग से डिग्निटी किट की व्यवस्था की गयी है।
आकाशीय विद्युत से बचने के लिए डाउनलोड करें दामिनी ऐप
जिलाधिकारी ने बताया कि बिजली गिरने से कोई हताहत ना हो और इसकी पूर्व से ही जानकारी हो जाए इसके लिए सभी आम लोग दामिनी आपका प्रयोग करें, दामिनी एप पर विद्युत गिरने की पहले से ही जानकारी हो जाती है इसमें बचाव और सुरक्षा के उपाय भी बताए गए हैं आम व्यक्ति दामिनी ऐप डाउनलोड करके बचाव एवं सुरक्षा से जागरूक हो जाए।