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आशा कार्यकर्ताओं ने घेरी CHC, नारेबाजी कर इस कारण से किया प्रदर्शन, नहीं सुना किसी की बात

locationगोंडाPublished: May 24, 2022 07:43:32 pm

Submitted by:

Mahendra Tiwari

गोंडा पांच महीने से बगैर भुगतान कार्य कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा नाराज आशा कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसपुर का घेराव किया नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया कार्यकर्ताओं ने “दाम नहीं तो काम नहीं” के नारे लगाए और लंबित भुगतान हो चुकता किए जाने की मांग किया।

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आशाओं को समझाने में विफल रहे बीपीएम

सीएचसी पर तैनात बीपीएम ने आशा कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन कार्यकर्ता भुगतान होने तक काम ठप करने की मांग पर अड़ी रहीं। आशा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

पांच महीने से लंबित भुगतान पर फूटा आशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा

जन जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए जिसे भर में 3253 आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती है। गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक गर्भवती महिलाओं की देखभाल की जिम्मेदारी हो या फिर इन महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं का टीकाकरण कराना हो यह सारी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं के कंधे पर है। इसके अलावा गांव गांव तक स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी देना और लोगों को जागरूक करने का काम ही आशा कार्यकर्ता ही संभाल संभालती हैं। आशा कार्यकर्ताओं को कोई नियत मानदेय भी नहीं दिया जाता है। उन्हें काम के बदले भुगतान किए जाने का नियम है। बावजूद इसके उन्हें कभी भी समय से उनके काम का भुगतान नहीं हो पाता। आशा कार्यकर्ताओं के मुताबिक पिछले 5 महीने से उन्हें भुगतान नहीं दिया गया है। जिससे उन्हें आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात को लेकर कई बार अधिकारियों से भुगतान किए जाने की मांग की गई लेकिन स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी इस पर चुप्पी साधे रहे। इस लापरवाही से मंगलवार को आशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज आशा कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसपुर का घेराव किया और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने दाम नहीं तो काम नहीं के नारे लगाते हुए बकाया भुगतान को चुकता कराए जाने की मांग की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात बीपीएम वंदना ने आशा कार्यकर्ताओं को समझाने का भी प्रयास किया लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांग पर अड़ी रहीं। आशा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्वास्थ्य महकमें के अधिकारी जानबूझकर उनके भुगतान में लापरवाही कर रहे हैं। ऐसे में अब आंदोलन ही एक रास्ता बचता है। आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है यदि जल्द ही उनके बकाए का भुगतान नहीं किया गया तो वह काम को ठप कर आंदोलन करने के लिए विवश होगीं।
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