प्रकरण देहात कोतवाली एक गांव से जुड़ा है। यहाँ के निवासी बुधई की नबालिग लड़की को गांव के ही कृपाल नामक युवक ने उस समय दबोचा जब वह अपने घर से शौच के लिए निकली थी। तभी इस दबंग युवक उसे कहीं निर्जन स्थान पर ले जाकर पहले उसे नशीला पदार्थ खिलाया फिर उसके साथ दुराचार किया। इस दबंग के चंगुल से मुक्त होकर अर्ध बेहोशी की हालत में बालिका रोती बिलखती अपने घर पहुंची और परिजनों को पूरी बात बताई। इसके बाद वह बेहोश हो गई। पिता के मुताबिक बेहोशी की हालत में उसे देहात कोतवाली लाया गया। जहाँ पर पुलिस ने पहले इलाज कराने की सलाह दी। तब उसे जिला महिला अस्पताल लाया गया। आरोप है कि महिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बिना उसे देखे जिला अस्पताल के लिए रिफर कर अपने सर की बला हटा दी। जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
पूरे गांव में गम और आक्रोश का महौल है
बालिका के साथ हुई इस दुःशाहसिक वारदात से पूरे गांव में गम और आक्रोश का महौल है। पीड़िता के परिजनों को यह बात
अखर रही है कि यदि चिकित्सकों ने समय से इलाज किया होता तो मेरे लाडली की जान बच सकती थी। पुलिस की शिथिल कार्यशैली व धरती के भगवान की संवेदनहीनता अब लोगों में चर्चा का विषय है। इस सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह ने बताया कि अभियुक्तों के विरुद्ध हत्या व दुराचार की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पुलिस सरगर्मी से अभियुक्त की तलाश कर रही है। जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जायेगी। इस जघन्य घटना में दोषियों को कतई बक्सा नही जायेगा।