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गोंडा

शादी अनुदान योजना में विभाग को नहीं मिले आवेदक, डेढ़ करोड़ का मिला बजट

सामूहिक शादी अनुदान योजना में विभाग को आवेदक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं।

गोंडाDec 08, 2017 / 07:51 pm

Mahendra Pratap

samuhik vivah yojna
गोण्डा. सामूहिक शादी अनुदान योजना में विभाग को आवेदक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। ऐसा लगता है कि गरीबों ने भी इस योजना से मुंह मोड़ लिया है। शासन द्वारा जनवरी माह में सामूहिक शादी कराने का निर्णय लिया गया। इसके लिए विभाग को 1 करोड़ 66 लाख का बजट भी मिल चुका है। लेकिन अभी तक विभाग को एक भी आवेदन नहीं मिले हैं। अब योजना का बेड़ा पार करने के लिए जिम्मेदार एनजीओ का सहारा लेने की तैयारी कर रहें है।
सामूहिक शादी अनुदान योजना के तहत प्रति जोड़ा 35 हजार रुपए दिये जाने के नियम हैं, जिसमें 20 हजार की धनराशि सीधे कन्या के खाते में भेजी जानी है। इस योजना के तहत कम से कम 10 शादी के साथ किए जाने के नियम है। बताया जाता है कि सामूहिक शादी करने से गरीब भी कतरा रहें है। अधिकांश लोगों का मानना है कि एक तो उन्हें वैसे गरीब होन का अभिशाप है।दूसरे ऐसी योजनाओं कालाभ लेकर शादी करने में वे अपने मान मर्यादा के विपरीत समझ रहें है। अधिकांश गरीबों ने यहां तक कह डाला कि योजना हमें लाभ देने के बजाय समाज में गरीब होने का प्रमाण पत्र दे रही है।दूसरीतरह ग्राम पंचायतों में एक साथ एक मंडप में 10 शादी करा पाना सम्भव भी नही दिख रहा है। समाज कल्याण मंत्री के गृह जनपद में यह योजना गरीबों को भी रास नही आ रही है।
बताते चलें कि सपासरकार द्वारा गरीब बेटियों के विवाह के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा शादी अनुदान योजना संचालित की गईं थी। इस योजना के तहत गरीब बेटियों के शादी के लिए 20 हजार रुपये लाभार्थी केखाते में भुगतान किया जा रहा था। सरकार बदलने के साथ-साथ योजना का स्वरूप भी बदल गया और शासन ने इसे सामूहिक शादी अनुदान योजना में परिवर्तित कर दिया। अब धनराशि देने के बजाय जिले ब्लॉक व पंचायत स्तर पर सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। लेकिन शासन की यह मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। विभाग के जिम्मेदार योजना को येन-केन-प्रकरेण संचालन के लिए एनजीओ की तलाश में जुटे हैं।
प्रति शादी 35 हजार का मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत प्रति शादी 35 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा। जिसमें गृहस्थी स्थापना के लिए 20 हजार रुपये की धनराशि सीधे कन्या के खाते में भेजी जायेगी। यदि महिला तलाकशुदा है, तो यह राशि 25 हजार रुपये होगी। कपड़े जेवर व 7 बर्तन के लिए 10 हजार रुपये जबकि तलाकशुदा महिलाओं के लिए यह राशि 5 हजार रुपये होगी। कार्यक्रम के आयोजन के लिए भोजन, पंडाल, पेयजल व विद्युत प्रकाश व्यवस्था पर 5 हजार रुपये प्रति शादी खर्च किया जा सकेगा। शादी के लिए खरीदे गये सामान भोजन व व्यवस्था के गुणवत्ता की जांच जिला स्तरीय समिति करेगी।
कहां आयोजित होंगे कार्यक्रम

सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत कम से कम 10 शादियों का आयोजन के साथ किया जायेगा। इसके लिए नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, स्वेच्छिक संस्थायें, एनजीओ जिन्हें डीएम द्वारा सामूहिक शादी कराने के लिए अधिकृत किया गया हो। इन्हीं सम्बन्धित निकायों द्वारा विवाह कार्यक्रम समिति बनायी जायेगी। विवाह कार्यक्रम समिति ही स्थल व तिथि का चयन करने के साथ-साथ भोजन, विवाह मंडप व अतिथियों का स्वागत करेगी तथा तिथि निर्धारण करने के बाद समिति की यह जिम्मेदारी होगी कि वह शादी की तिथि का व्यापक प्रचार प्रसार करें।
कैसे करें आवेदन

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता, जाॅब कार्ड, वर व कन्या की फोटो के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों को विकास खण्डकार्यालय पर तथा निकाय क्षेत्र के आवेदकों को नगर पालिका, नगर परिषद व जिला पंचायत के कार्यालयों में शादी के 45 दिन पूर्व आवेदन करना होगा।
कहते हैं समाज कल्याण अधिकारी

इस सम्बन्ध में समाज कल्याण अधिकारी अंजनी कुमार ने बताया कि सामूहिक विवाह की तारीख तय होने के बाद इच्छुक लोगों से आवेदन पत्र लिये जायेंगे। शासन स्तर पर यह फैसला लिया गया है। जल्द ही बैठक कर तारीख तय की जायेंगी। उसके बाद उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

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