जिले के मांझा थाने के पिपरा गांव की नाबालिग किशोरी 9 मार्च 2017 की रात को अपनी बहनों के साथ घर में सो रही थी। उसका घर से अपहरण कर लिया गया। उसके अपहरण की थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। थाने से 20 अप्रैल 2017 को सूचना दी गई कि गुजरात के बड़ोदरा जिले के मकरपुरा गांव में उसका जला शव बरामद किया गया है।
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दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाया
पुलिस की जांच के मुताबिक किशोरी को अगवा कर बड़ोदरा के मकरपुरा गांव स्थित किराए के घर में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक घटना को अंजाम देने के बाद 19 अप्रैल 2017 को उसे बंद कमरे में जिंदा जला दिया गया। इस मामले में मांझा थाने में कर्णपुरा गांव के अजित कुमार, भाई विशाल कुमार और एक अन्य को नामजद किया गया। आरोप पत्र दायर होने के बाद नियमित सुनवाई शुरु हुई। किशोरी के पिता ने सुनवाई के दौरान आरोपियों पर लड़की का लंबे समय से पीछा करने की शिकायत अदालत से की। साक्ष्यों के आधार पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश एक भरत तिवारी ने अजित कुमार को दोषी क़रार देते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई। जिन दो अन्य अभियुक्तों को नामजद आरोपी बनाकर मुकदमा दर्ज किया गया था उनके खिलाफ कोई सबूत प्राप्त नहीं होने के कारण साक्ष्य के अभाव में अदालत की ओर से उन्हें बरी कर दिया गया।