जिला प्रशासन वनटांगिया परिवारों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गांव में लगातार दौरा कर रहा। प्रधान रण विजय सिंह मुन्ना बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही वनटांगिया परिवारों को उनका हक दिलाने के लिये प्रशासनिक अमला काम काम कर रहा। पेंशन, राशन कार्ड, छात्रवृत्ति व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ कैंप लगाकर दिया जा चुका है।
गोरखपुर में इन पांच जगहों को मिलेगा राजस्व गांव का दर्जा गोरखपुर के तिंकोनिया नम्बर 3, रजही आजाद नगर, चिलबिलवा, खाले टोला व आमबाग में वनटांगिया परिवार रहता है। इनकी करीब छह हजार की आबादी है। शेष 18 जगह जो महराजगंज जनपद में है वहां काफी संख्या में वनटांगिया परिवार रहता है।
दीपावली पर ये तोहफा देंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजादी के बाद से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे वनटांगिया परिवारों को इस दीपावली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खास तोहफा देने जा रहे। करीब 700 वनटांगिया परिवारों के आशियाने का सपना पूरा होगा। इन परिवारों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास का चेक दिया जाएगा। इतने ही परिवारों को शौचालय का भी अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा वनटांगिया किसानों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए पांचों गांव में एक-एक प्राथमिक विद्यालय व तीन जूनियर हाइस्कूल खोलने की घोषणा की जाएगी। इसके अलावा सड़क, बिजली, स्ट्रीट लाइट आदि के लिए भी जिला प्रशासन पहले से लगा हुआ है।
हर साल योगी आदित्यनाथ वनटांगिया बच्चों संग मनाते हैं दीपावली गोरखपुर के कुसुम्ही जंगल के तिकोनिया गांव में काफी संख्या में वनटांगिया परिवार रहते हैं। योगी आदित्यनाथ पिछले एक दशक से हर दीपावली इन वनटांगिया बच्चों के साथ दीपावली मनाते हैं। पढ़ने वाले बच्चों को पेन, कॉपी व अन्य पढ़ने वाली सामग्री के साथ पटाखे भी देते हैं। लेकिन इस बार लग रहा था कि यह सिलसिला टूटेगा। लेकिन मुख्यमंत्री इस बार न केवल इन परिवारों के बीच दीपावली मनाएंगे बल्कि यादगार तोहफा भी देने जा रहे।
यह भी पढ़ें- सांसद आदर्श गांव की हकीकत, बदहाल है सड़कें, खुले में शौचे जाते हैं लोग सांसद रहते इन परिवारों की आवाज उठा चुके हैं योगी कई बार लोकसभा में भी प्रदेश के वनटांगिया परिवारों के लिए योगी आदित्यनाथ आवाज बुलंद कर चुके हैं। इस बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने मुसहर परिवारों के साथ-साथ वनटांगिया परिवारों को भी समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया था। भूमिहीन वनटांगिया परिवारों को आवास, खेती योग्य जमीन का पट्टा आदि देने का भी सरकार ने प्राविधान किया है।
यह भी पढ़ें- अमित शाह के बेटे पर आरोप में कोई सत्यता नहींः वित्त राज्य मंत्री कौन हैं ये वनटांगिया वनटांगिया किसान वह हैं जो जंगलों को सहेजने के लिए कई पीढ़ियों से काम कर रहे। टांगिया शब्द म्यांमार के टोंगिया शब्द का अपभ्रंश है। वहां की स्थानीय भाषा में इसे पहाड़ या खेत के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। पेड़ पौधे लगाकर पहाड़ियों का संरक्षण करने वाले टांगिया कहलाते हैं। भारत में अंग्रेजों ने वनों को संरक्षित करने और हरियाली के लिए बंधुआ मजदूरी कराते हुए वनों में ढेर सारे मजदूर लगाए। इनका काम वन क्षेत्र में पौधे लगाना और उनका संरक्षण करना था। पौधों के बीच-बीच में नौ फीट खाली जमीन इसके एवज में दी जाती थी। इस जमीन पर यह किसान व मजदूर अन्न उगाता था, जिससे उसका भरण-पोषण होता था। यही परिवार वनटांगिया के रूप में आज भी जाने जाते हैं।
by Dheerendra V Gopal