पूजा की बेदी कब्जा रहे हैं दलाल लेकिन, दलाल इन बेदियों को तोड़कर इसकी बोली लगा रहे हैं। दलालों ने राजघाट के दोनों किनारे कपड़ा और रस्सी बांधकर दलालों ने पहले ही जगह कब्जा कर ली है। राप्ती तट के आसपास रहने वाले कुछ लोगों ने व्रतियों की बेदी पर कब्जा कर लिया है। बेदी बनाने के लिए एडवांस में घाट पर जगह बुक की जा रही है। इसके लिए 500 से 1000 रुपए तक महिलाओं से वसूला जा रहा है।
अब तो बकायदा बेदी का विडियो बना रहे ऐसे में कुछ लोग यहां बेदी बनाने के साथ ही सबूत के तौर पर उसकी फोटो- वीडियो बनाकर रख रहे हैं। ताकि, अगर उनकी बेदी पर कोई और कब्जा कर ले तो फोटो-वीडियो दिखाकर वो यह साबित कर सकें कि यह उनकी बेदी है।
नगर निगम ने बनाया कंट्रोल रूम हालांकि, नगर निगम भी महापर्व को लेकर पूरी तरह सतर्क है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि छठ पूजा घाटों पर किसी तरह की दलाली नहीं होने दी जाएगी। घाटों पर साफ-सफाई और लाइटिंग की व्यवस्था के साथ ही एनफोर्समेंट टीम को भी तैनात किया गया है। जो, इस तरह की किसी भी शिकायत पर तत्काल एक्शन लेगी। व्रती महिलाओं को पूजन के लिए किसी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर किसी को कोई शिकायत है तो इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। जिसपर कॉल करते ही नगर निगम मदद करेगा।
राजघाट पर एक हजार में नदी के किनारे मिलेगी बेदी शुक्रवार को जब राजघाट पर छठ पूजा के लिए वसूली करने वालों की पड़ताल की तो कई लोग सामने आए। घाट पर बेदी बनाने के लिए जगह बेच रहे थे, उनके अलग-अलग रेट थे। कोई 500 तो कोई 1000 रुपए में पूजा के लिए बेदी बनाने की जगह बेच रहा था। पूछे जाने पर उसने बताया कि काफी मेहनत से साफ-सफाई कर जगह कब्जा की है। इस जगह को पूजन के लिए उपलब्ध कराने के भी रेट हैं।
बिना कैमरे पर सामने आए और नाम ना छापने की शर्त पर कब्जा करने वाले ने दावा किया कि कुछ 1000-500 दे दीजिए। यही जगह आपको दे देता हूं। 1000 में बिलकुल नदी के किनारे बेदी मिलेगी। जबकि, 500 में सकेंड लाइन में बनी बेदी मिलेगी। जो पानी से कुछ दूरी पर होगी। मैं अपने लिए दूसरी जगह तलाश लूंगा।
बेदी कब्जाने से हो सकता है विवाद वहीं, घाट पर काफी दूर तक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। अभी से ही दलालों ने यहां सैकड़ों से अधिक बेदियां बनाकर तैयार कर दिया है। जबकि, कई व्रती महिलाओं के परिवार के लोगों ने बताया कि वे कल बेदी बनाकर गए थे। आज देखने आए तो उनकी बेदी तोड़कर किसी और ने कब्जा कर लिया था। कुछ ने फोटो-वीडियो दिखाकर हंगामा किया तो उनकी बेदी वापस मिली। जबकि, कुछ को मजबूरन दूसरी जगह तलाशनी पड़ी।