3 लक्जरी गाड़ियों खड़ी कर केक काटे शुक्रवार की शाम को, जब कुछ मनबढ़ स्टूडेंट 3 लग्जरी गाड़ियों से यूनिवर्सिटी कैंपस के मेन गेट पर बर्थडे मनाने पहुंचे। हार्न बजाते हुए तेज रफ्तार से 2 थार और 1 कार में सवार मनबढ़ स्टूडेंट्स पहले तो धड़ल्ले से यूनिवर्सिटी गेट के अंदर घुसे फिर एकेडमिक आवर्स के दौरान ही आमने- सामने गाड़ियां लगाकर बोनट पर केक काटने लगे।
इस घटना से लोग बोले, लाचार बन गया है यूनिवर्सिटी प्रशासन यह देख यूनिवर्सिटी में आने जाने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स की जुबान पर बस एक ही लफ्ज था कि यूनिवर्सिटी में कोई प्रशासनिक व्यवस्था बची ही नहीं है। वैसे तो कहने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स के वाहन लेकर प्रवेश पर रोक है। लेकिन यह व्यवस्था केवल पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पर लागू है। वहीं कुछ हुड़दंग दिखाने वाले स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी कैंपस में रोजाना मनमानी करते हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन इनके आगे लाचार नजर आता है।
पढ़ने वाले छात्रों को रोकने वाले गार्ड इनके सामने बने लाचार बर्थडे मनाने पहुंचे रंगबाज स्टूडेंट्स करीब घंटे भर तक यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर हुल्लड़बाजी करते रहे। लेकिन यूनिवर्सिटी की सुरक्षा में तैनात गार्ड्स इन्हें रोकना तो दूर इतनी हिम्मत भी नहीं जुटा पाए कि एक बार इन दबंगों से छात्र होने का परिचय पूछ लें। जबकि सबसे ज्यादा सुरक्षा गार्डों की तैनाती यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर है। वहीं चंद कदमों पर प्राक्टर ऑफिस भी है। लेकिन किसी ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया। ऐसे में यूनिवर्सिटी की सुरक्षा व्यवस्था किस लेवल की है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं अगर मेन गेट पर कोई सामान्य छात्र वाहन के साथ पहुंच जाता है तो ये गार्ड उसे रोकने के साथ ही दुर्व्यहार पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या DDU में व्यवस्थाएं रसूख देखकर बनाई जाती हैं?