नौसड़ के इंद्राचक निवासी पीड़िता की मां गीता ने एसएसपी से मिलकर इसकी शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर डाॅ. बीएन विश्वकर्मा, अस्पताल के मैनेजर और डाॅक्टर के बेटे गौरव उर्फ पप्पी के खिलाफ केस दर्ज कर गीडा पुलिस जांच कर रही है।
डॉक्टर खुद न आकर बेटे से लगवाया गलत इंजेक्शन गीता ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि 12 जनवरी को बेटी करिश्मा के पेट में दर्द होने पर वह उसे चंद्रा अस्पताल ले गई थीं। यहां डाॅ. बीएन विश्वकर्मा ने उपचार के लिए बेटी को भर्ती किया। रात के समय अचानक बेटी की तबीयत खराब होने लगी तो डाॅक्टर को सूचना दी गई। वह खुद न आकर बेटे गौरव को देखने के लिए भेज दिए। गौरव ने बेटी को तीन इंजेक्शन लगाया और फिर चले गए।
मरीज के कमर के नीचे का हिस्सा हुआ सुन्न भोर में फिर दर्द होने पर डॉक्टर को बुलाने का प्रयास किया तो फिर बेटे को भेज दिया।आरोप है कि गौरव ने नाराजगी जताते हुए फिर बेटी के कमर के नीचे कई इंजेक्शन लगाए और गाली देते हुए चले गए। कुछ देर के बाद नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया और कार्य करना बंद कर दिया। डाॅ. बीएन विश्वकर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया की आपरेशन में सुन्न करने वाला इंजेक्शन लगा है। कुछ देर बाद सही हो जाएगा।
युवती का लखनऊ में चल रहा है इलाज काफी देर बाद तक सही नहीं होने पर वह किसी तरह से अस्पताल से बेटी को निकालकर डाॅ. त्यागी के पास पहुंचे। उन्होंने न्यूरो को बुलाया और एमआरआई कराई। जांच में सामने आया कि गलत इंजेक्शन लगने से लकवा की स्थिति बन गई है। महिला ने कहा कि उसकी बेटी की शादी तय थी, लेकिन डॉ. बीएन और उसके बेटे गौरव की लापरवाही से बेटी की जिंदगी बर्बाद हो गई।
SSP गोरखपुर SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया की महिला की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। गीडा पुलिस को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। जांच व साक्ष्यों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी।