जीवन की झंझावतों से जूझते हुए खुद के बल पर पाई थी मुकाम गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले महेंद्र पासवान साल 2008 में मुंबई रोजगार की तलाश में गए थे। मेहनत मजदूरी कर महेंद्र ने घर-परिवार का घरखर्च तो चलाया ही खुद के दम पर पढ़ाई भी की। मुंबई में काम करने के दौरान ही महेंद्र ने हाईस्कूल पास किया। उसके बाद इंटरमीडिएट किया और फिर स्नातक की परीक्षा पास कर डिग्री हासिल की। काम और पढ़ाई के साथ साथ महेंद्र सरकारी नौकरी के लिए फार्म भी भरते रहते। 2015 में महेंद्र ने सीआईएसएफ में निकली वैकैंसी को देखा तो फार्म भर दिया। छत्तीसगढ़ में उनकी चालक के पद पर तैनाती हो गई। कुछ साल बाद महेंद्र का स्थानांतरण मुंबई में हो गया। वह ओएनजीसी में तैनात थे।
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मंगलवार को ओएनजीसी के संयत्र में आग लग गई। इस हादसे में महेंद्र सहित चार लोग की मौत हो गई।
महेंद्र गोरखपुर के झंगहा क्षेत्र के गहिरा रघुनाथपुर के रहने वाले थे। 35 वर्षीय महेंद्र तीन भाई व एक बहन में सबसे बड़े थे। 2017 में उनकी शादी इसी जिले के चैरीचैरा क्षेत्र की संध्या से हुई थी।
मां चंपा देवी, पिता फिरंगी की उचित देखभाल व बेहतर इलाज के लिए अपने पास ही रखे हुए थे।