गिरफ्तार किए गए प्रधान के पति धर्मेंदर व सामूहिक विवाह योजना लाभार्थी रविन्दर और विनीत हैं, जिनपर आरोप है की उन्होंने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सरकारी फंड को योजनाबद्ध तरीके से गबन करने के लिए विवाहितों का एक बार पुनः विवाह करवा दिया। वहीं आरोपी अपने खिलाफ लगे आरोपों को गलत और इसे सियासी रंजिश का परिणाम बता रहे हैं।
पुलिस हिरासत में बंद
धर्मेंद्र के भाई का कहना है कि यह शादी गलत नहीं है। सब कुछ तय प्रक्रिया के तहत हुआ है। इसके पीछे पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह, बीते चुनाव में प्रधान प्रत्याशी और हारे प्रधान के भाई का षडयंत्र है। वह कहते हैं कि पूरे मामले में सिर्फ राजनीति है। जबकि इस फर्जीवाड़े की शिकायत करने वाले नरेंद्र सिंह का कहना है कि उनका आरोप बिल्कुल ठीक है। प्रधान और उसके पति ने साथ मिलकर साजिश कर योजना का अनुचित लाभ लेने के लिए दोबारा शादी कराई है। शादी करने वाले कई जोड़े तो ऐसे हैं, जिनके 10 साल की उम्र के बच्चे हैं।
एसपी देहात सुनीति सिंह ने बताया कि सीडीओ की जांच में सामने आया था कि सामूहिक विवाह योजना में कुछ लोगों ने गलत तरीके से प्रतिभाग लिया और जो सामान व पैसे का गबन करने का प्रयास किया। 420 और 409 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चार जोड़ों और प्रधान के पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
बता दें कि फर्जीवाड़े की शिकायत और मीडिया में इस मामले के उजागर होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर सोमवार को खुद सीडीओ और उनकी पूरी टीम ने घर-घर जाकर इसकी जांच की और आरोप सही पाया।जिलाधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ दनकौर थाने में एफआईआर दर्ज कर करने का निर्देश दिए, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।