ग्रेटर नोएडा

पांच साल पहले हुए एक हादसे में बेकार हो गए थे हाथ-पैर, अब इस तरह मिले 27 लाख रुपये

Highlights- सड़क हादसे के कारण स्थायी रूप से विकलांग हुए भूपेंद्र- इलाज के बावजूद पांच साल से बिस्तर पर पड़ा है पीड़ित- जिला अदालत ने दिए 26 लाख 78 हजार रुपये के मुआवजे के आदेश

ग्रेटर नोएडाSep 23, 2019 / 12:27 pm

lokesh verma

Life imprisonment to three accused for killing and robbing woman

ग्रेटर नोएडा. लोगों की मामूल सी चूक से हाेने वाले हादसे किस तरह किसी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण हैं ग्रेंटर नोएडा के दादरी निवासी भूपेंद्र शर्मा। पांच साल पहले हुए एक हादसे ने भूपेंद्र के हंसते-खेलते जीवन तबाह करके रख दिया है। भूपेंद्र के दोनों हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया है। वहीं अब वह बोल भी नहीं सकते हैं।
पांच साल से वह बिस्तर पर पड़े रहते हैं। उस हादसे के कारण भूपेंद्र की नौकरी भी चली गई। वहीं इलाज के दौरान इतनी भारी-भरकम रकम खर्च हो चुकी है, जिसके चलते वह कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। हालांकि अब जाकर जिला न्यायालय ने भूपेंद्र को 26 लाख 78 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने के आदेश दिए हैं। इसके साथ केस दर्ज होने से अब तक मुआवजा राशि पर 7 प्रतिशत ब्याज देने का भी आदेश दिया है। यह राशि कार की बीमा कंपनी देगी।
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बता दें कि 38 वर्षीय भूपेंद्र शर्मा दादरी के बागवालान मोहल्ले में रहते हैं आैर नगर पालिका परिषद में नौकरी करते थे। बताया जा रहा है कि वह 5 दिसंबर 2014 को तिलपता पुलिया के पास से पैदल गुजर रहे थे। इसी बीच उन्हें पीछे से एक तेज रफ्तार कार जोरदार टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में भूपेंद्र बुरी तरह घायल हो गए। भूपेंद्र के उपचार में अब तक 8 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। इस हादसे ने उन्हें स्थायी विकलांग बना दिया है। उनके परिवार ने इस घटना को लेकर जिला अदालत में प्रार्थना पत्र देते हुए मुआवजे की मांग की थी। भूपेंद्र का मेडिकल करने वाले डॉ. अरुण कुमार ने अदालत में बताया कि उनके सिर में गहरी चोट के कारण दोनों हाथ व पैर लकवाग्रस्त हो गए हैं। वहीं उनका पूरा शरीर निष्क्रिय है।
भूपेंद्र शर्मा की पत्नी राधा का कहना है कि पति के उपचार में उनका सारा पैसा खर्च हो चुका है। उस हादसे के चलते उनकी नौकरी भी चली गई। अब वह उम्मीद छोड़ चुके हैं कि पति फिर से चल पाएं या कोर्इ काम कर पाएं। उनके इलाज के कारण उन पर भारी कर्ज हो गया है। कोर्ट के आदेश से उन्हें राहत जरूर मिली है, लेकिन अभी भी उनके मन पति की हालत को लेकर दुख है।
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