अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद ने बताया कि ग्रेटर नोएडा को स्मार्ट सिटी बनाने के क्रम में प्राधिकरण ने 10 सेक्टरों में सीवर के ओवरफ्लो और ब्लॉकेज की समस्या के समाधान के लिए बड़े पैमाने पर कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत प्राधिकरण ने 2858 मेनहोल को ढंकने का काम किया। इसके अलावा अतिक्रमण के कारण जो मेनहोल नहीं दिख रहे थे, उन्हें अभियान चलाकर तोड़ा गया। उन्होंने बताया कि शहर के 10 आवासीय सेक्टरों में कुल 9557 मेनहोल हैं। इसमें केवल 6699 ही क्लीयर और विजीवल हैं। इस कारण सेक्टरों के मेनहोल की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। शहर के लोगों से अनुरोध किया गया है कि जिन लोगों ने मेनहोल पर रैंप बना दिया है, वे खुद उसे दो सप्ताह के भीतर तोड़वा देें।
एसीईओ ने बताया कि गे्रटर नोएडा प्राधिकण क्षेत्र में सीवर लाइन के सर्वे क काम तेजी से चल रहा है। इसके तहत 150 किलोमीटर सीवर लाइन के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। लगभग 600 किलोमीटर लाइन के सर्वे का काम शेष है। उसे भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीवर की समस्याओं के समाधान के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। इसमें नागरिक सीवर संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा में लगभग 10 लाख लोग निवास कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा उद्यमियों और निवेशकों की पसंदीदा जगह के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। आने वाले 10 वर्षों में पूंजी निवेश, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की आबादी में बढ़ोत्तरी होगी। एक अनुमान के मुताबिक अगले 10 वर्षों में शहर की आबादी 25 लाख होने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर अथॉरिटी चौड़ी सड़कें, हरियाली, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की आधारभूत सुविधाएं, निर्बाध विद्युत आपूर्ति और जलापूर्ति जैसी सुविधाओं को विकसित कर शहर को अत्याधुनिक बनाने की परिकल्पना को साकार करने में जुटा है।