बता दें कि यमुना सिटी में जेपी असोसिएट्स की स्पोर्ट्स सिटी का आवंटन रद्द होने पर बिल्डर हाई कोर्ट पहुंचा था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह पहले यमुना प्राधिकरण में सौ करोड़ रुपये जमा कराएं। इसके बाद ही आगे की सुनवाई होगी। जिसके बाद बिल्डर द्वारा दो किश्तों में प्राधिकरण में सौ करोड़ की रकम जमा करा दी गई है। जून अंत या जुलाई में होने वाली बोर्ड बैठक में बिल्डर को राहत मिलने के आसार बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि यमुना प्राधिकरण ने 2009 में जेपी एसोसिएट को 1000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। इस जमीन पर बिल्डर को 35 फीसदी क्षेत्र में स्पोर्ट्स सिटी और बाकी में कमर्शल, इंस्टिट्यूशनल, आवासीय ग्रुप हाउसिंग व प्लॉट विकसित करने थे। इस जमीन की रकम बिल्डर द्वारा जमा नहीं कराई गई। जिसपर जेपी ने कई प्रोजेक्ट लॉन्च किए और हजारों लोगों ने यहां पैसा निवेश किया। प्राधिकरण द्वारा 2011 से लेकर 2015 तक कुल 21 बार नोटिस भी जारी किए। लेकिन बिल्डर द्वारा प्राधिकण के 940 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए गए। जिसके बाद प्राधिकरण ने कड़ा एक्शन लेते हुए स्पोर्ट्स सिटी का आवंटन रद्द कर दिया था। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है।