बता दें कि इंजीनियरिंग छात्र सुधांशु और प्रांजल ने जो व्हीकल हीट अलर्ट डिवाइस ईजाद किया है, उसका प्रदर्शन जून में ही सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित आइडिया हैकाथॉन में किया गया था। एमएसएमई ने दोनों छात्रों के इस प्रोजेक्ट की सफलता 95 प्रतिशत बताते हुए प्रोत्साहन के तौर पर 15 लाख रुपये का अनुदान दिया है। इस तरह सुधांशु और प्रांजल के डिवाइस का एमएसएमई की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड एडवाइजरी कमेटी ने चयन कर लिया है। फिलहाल इस डिवाइस का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जाएगा और लोग सुरक्षित सफर कर सकेंगे।
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सुधांशु और प्रांजल ने इस डिवाइस को बनाने के लिए सबसे पहले यह पता किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कारण कौन-कौन से हैं। उन्होंने पाया कि जिन भी वाहनों में आग लगी थी, उनमें बैटरी वाले पैनल का तापमान काफी अधिक था। इससे सेल फटने के साथ शॉर्ट-सर्किट की आशंका बनती है। वहीं ईवी में लगी लिथियम आयरन बैटरी चलने पर काफी गर्म हो जाती है और तापमान 150 डिग्री तक पहुंचने पर फटने की आशंका अधिक होती है।
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