प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि शहर में फिलहाल 10 लाख लोग निवासी कर रहे हैं। अगले 10 वर्षों में शहर की आबादी 25 लाख होने का अनुमान है। यहां तमाम राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय संस्थाएं काम कर रही हैं। भविष्य में इनकी संख्या में भी इजाफा होगा, जिनमें दुनियाभर के लोग काम करने के लिए यहां आएंगे। इसलिए उनका मकसद शहर के विकास को भी विश्वस्तरीय बनाना है।
उन्होंने बताया कि शहर में सीवर की सफाई का काम अब अत्याधुनिक रोबोट के जरिये कराया जाएगा। यह कदम सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है। ग्रेटर नोएडा रोबोट के माध्यम से सीवर की सफाई करने वाला उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र का पहला शहर बन गया है। यह रोबोट जमीन से 8 मीटर नीचे स्थित मेन होल, स्लज एवं ब्लाकेज की सफाई कर सकता है। इसमें एक स्वचालित कैमरा भी लगा हुआ है, जिसके माध्यम से पाइप में प्लग तथा ब्लाकेज की सूचना डैशबोर्ड पर उपलब्ध हो जायेगी। इस रोबोट के तैनात हो होने के बाद किसी भी सफाई कर्मचारी को मेन ***** में नहीं उतरना पड़ेगा। यह एक दिन में कम से 10 मेन ***** के गंदगी की सफाई में सक्षम होगा। रोबोट द्वारा सीवर सफाई के समय निकलने वाली जहरीली गैस की जानकारी भी उसके डैश बोर्ड पर प्रदर्शित हो जायेगी। इस रोबोट पर 40 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। अभी तक इस तरह के रोबोट से हैदराबाद, केरल, आसाम और तमिलनाडु में सीवर की सफाई की जा रही है।
यह भी पढ़ेें: UP में आबकारी विभाग ने चलाया विशेष अभियान, अवैध शराब मिलने पर 4 का बुरा हाल सीईओ ने बताया कि प्राधिकरण ने शहरवासियों को सीवर के ओवरफ्लो होने की समस्या से निजात दिलाने के लिए सुपर सकर मशीन भी खरीदी है। इस पर 1.20 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। सुपर सकर मशीन में दो डम्प टैंक होंगे। वर्तमान में जब पंम्प द्वारा सीवर लेन को खाली किया जाता है तो पानी चारो तरफ बिखर जाता है, जिससे गंदगी तथा बीमारी फैलने की सम्भावना बनी रहती है। इस तरह की समस्याओं से निजात पाने के लिय सुपर सकर मशीन का प्रयोग किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शहर में सीवर से संबंधित सभी समस्याओं के निस्तारण के लिए प्राधिकरण ने विशेष इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल रूम की स्थापना की है। निवासी सीवर संबंधी शिकायतें मोबाइल नंबर 8595810523 एवं 8595814470 पर दर्ज करा सकते हैं।