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ग्रेटर नोएडा

कोरोना संक्रमित की मौत से गुस्साए परिजनों ने हंगामा, डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप, देखें वीडियो

Highlights
– ग्रेटर नोएडा शारदा-कोविड-19 अस्पताल का मामला
– मरीज के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
– अस्पताल प्रबंधन बोला, एम्बुलेंस में ही हो गई थी मरीज की मौत

ग्रेटर नोएडाAug 17, 2020 / 10:21 am

lokesh verma

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ग्रेटर नोएडा. शारदा कोविड-19 अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। अस्पताल वालों का कहना है कि मरीज की मौत शिफ्टिंग के दौरान एंबुलेंस में हुई थी। उन्होंने शव को मानवीयता के कारण अस्पताल में रखने की इजाजत दी थी। शव को अस्पताल में रखने के बाद ही परिजनों ने हंगामा किया। अस्पताल का कहना है कि मामले को सुलझा लिया गया है और मृतक का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दाह संस्कार करा दिया गया है।
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मृतक के परिजनों का कहना था प्रदीप शर्मा का इलाज तीन दिन से जिम्स हॉस्पिटल में चल रहा था। वहां बताया गया कि मरीज को प्लाज्मा की जरूरत है। शारदा अस्पताल के डॉक्टरों से बात करने के बाद हम उसे यहां लेकर आए थे, लेकिन इन लोगों ने प्लाज्मा नहीं चढ़ाया पूरी रात हम लोगों ने इंतजार किया। मरीज लगातार हमें व्हाट्सएप और वीडियो कॉल से बताता रहा कि उसे ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है। जब हमने डॉक्टरों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके पास प्लाज्मा ही नहीं है। हमारा आरोप है कि जब प्लाज्मा ही नहीं था तो डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती कर हमे गुमराह क्यों किया। इसके बाद हम लोगों को प्लाज्मा लाने को कहा गया। हमने किसी तरह तलाश करके प्लाज्मा दे दिया।
परिजनों का यह भी आरोप है कि अपने पेशेंट को लेकर शारदा हॉस्पिटल पहुंचे तो उनसे कहा गया कि प्लाज्मा के लिए पैसे जमा कराएं। पहले 30,000 और फिर 17000 जमा कराए। तब हमने अपने इन्शोरेंस वालों से बात की तो उन्होंने कहा कि पैसे हम देंगे। डॉक्टर ने कहा कि वे इलाज करें। इसके बाद उन्होंने बताया कि उनके पास प्लाज्मा ही नहीं है, आप प्लाज्मा का अरेंजमेंट करो। इस बीच हमारे मरीज लगातार शिकायत करता रहा कि उसके साथ टॉर्चर किया जा रहा है। उसका इलाज नहीं किया जा रहा है बल्कि एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है।
अस्पताल का कहना है की मरीज प्रदीप शर्मा 13 अगस्त को प्राइवेट कोरोना वार्ड के आईसीयू में गंभीर हालत में मधुमेह, टाइप-1 रेस्पेरेटरी फेलियर एवं प्रोग्रेसिव एक्यूट रेसपीएटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम के साथ तीमारदार द्वारा भर्ती कराये गए थे। इलाज के बाद मरीज़ की हालत में कोई विशेष सुधार नहीं हो रहा था, जिस कारण मरीज़ को 15 अगस्त को अति गंभीर अवस्था में वेंटीलेटर मशीन पर रखा गया था। मरीज़ के तीमारदारों ने मरीज़ को एक अन्य प्राइवेट अस्पताल ले जाने की मांग की और अस्पताल का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। उनकी एम्बुलेंस मरीज़ को डिस्चार्ज एंड ट्रांसफर कराकर तीमारदारों के साथ रात साढ़े 11 के बाद ले जा रहे थे। उनकी एम्बुलेंस में ले जाते समय मरीज़ की स्थिति बिगड़ी और मृत्यु हो गई। एम्बुलेंस और मरीज़ के तीमारदार शारदा हॉस्पिटल की इमरजेंसी डिपार्टमेंट में 16 अगस्त रात्रि एक बजे मरीज़ को मृत अवस्था में लेकर आए, जिसे मानवीय आधार पर शव को शारदा मोर्चरी में कोविड प्रोटोकॉल के तहत बॉडी बेग में सील बंदकर पुलिस की उपस्थिति में सुरक्षित रखवाया गया। इस दौरान मरीज़ के साथ आए तीमारदारों द्वारा अस्पताल में तोड़फोड़ की गई, जिसके उपरांत अस्पताल प्रबंधन ने घटना की सुचना 100 नंबर पर दर्ज़ कराई। कोविड प्रोटोकॉल के तहत मृतक अंतिम संस्कार कर दिया गया|

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