इसमें भी कोई शक नहीं है कि यमुना एक्सप्रेस-वे सीमेंट की तेज चमचमाती सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ती गाड़ियां के कारण ग्रेटर नोएडा से आगरा तक के सफर आरामदेह है, लेकिन पहले सितंबर से ग्रेटर नोएडा से आगरा तक सफर करने वाले कार चालकों को अब 16.50 रुपये ज्यादा देने होंगे। बस-ट्रक को 90.75 रुपये और बड़े व्यावसायिक वाहनों को 173.25 रुपये बढ़े हुए टोल के रूप में चुकाने होंगे। अधिकारियों का कहना है कि एक सितंबर से बढ़ी टोल दरें लागू कर दी जाएंगी।
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वाहनों में अब चलते-चलते नहीं लगेगी आग, बस इस्तेमाल करें ये डिवाइस हादसों को रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली से कराया सुरक्षा ऑडिट यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि 2018 से यमुना एक्सप्रेस वे की टोल की दरों में किसी भी तरह का इजाफा नहीं किया गया था। एक्सप्रेस-वे पर हादसों की रोकथाम के लिए आईआईटी दिल्ली से सुरक्षा ऑडिट कराया गया था। आईआईटी ने अपने सुझाव में एक्सप्रेस-वे पर दोनों सड़कों के बीच की जगह के दोनों ओर क्रैश बीम बैरियर लगाने, रंबल स्ट्रिप, स्पीड गन, चालान व्यवस्था को प्रभावी बनाने समेत कई सुझाव दिए थे। अधिकतर सुझावों पर काम पूरा हो चुका है। इस पर करीब 130.54 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसलिए टोल शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है।
दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर को पहले जैसा टोल देना होगा। वहीं ग्रेटर नोएडा से आगरा तक कार से सफर करते हैं तो 412.50 रुपये का टोल देना होता है, जो अब बढ़कर 429 रुपये हो जाएगा। हल्के व्यवसायिक वाहनों पर 41.25 रुपए की टोल वृद्धि की गई है। बस और ट्रक के टोल में 90.75 रुपये, 3 से 6 धुरीय वाहनों में 140.45 रुपये और सात धुरीय से बड़े व्यावसायिक वाहनों को 173.25 रुपए अधिक टोल चुकाना होगा।