यही कारण है कि ईरान में पेट्रोल की कीमत में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है। क्योंकि सरकार आर्थिक हालात को संभालने के लिए पेट्रोल की कीमत में इजाफा करने का फैसला लिया, जिसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
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लोगों ने पेट्रोल की कीमतों में इजाफे के फैसले के खिलाफ देशव्यापी विरोध शुरू कर दिया है। सिरजन में प्रदर्शन के दौरान एक नागरिक की मौत भी हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। बता दें कि सरकार ने पेट्रोल की राशनिंग पर रोक लगाते हुए कीमतें डेढ़ गुना कर दी हैं।
एक नागरिक की मौत को लेकर सिरजन के गवर्नर मुहम्मद महमूदाबादी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि मृतक की मौत गोली लगने से हुई या नहीं।
सरकार के फैसले का देशव्यापी विरोध
बता दें कि ईरान सरकार के इस फैसले का देशव्यापी विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है सरकार ने ऐसे समय में यह फैसला लिया है, जब उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है।
इधर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि इस साल ईरान की अर्थव्यवस्था 9 फीसद कम होगी। चूंकी अमरीका ने ईरान के तेल निर्यात पर रोक लगा रखी है, जो कि ईरान के लिए आय का मुख्य स्त्रोत है।
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सरकारी तेल कंपनी नेशनल ईरानियन ऑयल प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन ने शुक्रवार को बयान जारी करते हुए बताया था कि देश में अब स्मार्ट फ्यूल कार्ड के जरिए लोगों को पेट्रोल दिया जाएगा।
कंपनी ने कहा था कि इस कार्ड के जरिए निजी वाहनों के लिए एक महीने में 60 लीटर पेट्रोल 15 हजार रियाल (लगभग 32 रुपये) प्रति लीटर की कीमत पर खरीदा जा सकता है। यदि तय मात्रा से ज्यादा तेल खरीदना है तो 30 हजार रियाल (लगभग 64 रुपये) प्रति लीटर खर्च करने होंगे।
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